चुनाव से पहले नेताओं के एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला आम होता है. इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी से बरसों पुराना साथ छोड़कर उत्तराखंड के नेता यशपाल आर्य बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने के बाद आर्य ने कहा कि लोग मुझपर ज़रूर मौकापरस्त होने या सत्ता का लालची होने के आरोप लगाएंगे लेकिन कांग्रेस छोड़ने का फैसला मैंने बहुत दुःख के साथ लिया है. उन्होंने कहा कि कई वजह रही जिनपर मैंने कई बार पार्टी में बात करनी चाही लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई इसलिए आखिरकार बीजेपी का दामन थामा.
यशपाल आर्य ने कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर हमला बोला और कहा कि हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष से गुहार लगाने के बाद आखिरकार राहुल गांधी के प्रतिनिधि के रूप में प्रशांत किशोर ने उनसे मुलाकात की लेकिन बैठक बेनतीजा रही क्योंकि आर्या के उठाये गए मुद्दों का किशोर के पास कोई जवाब नहीं था. आर्य ने कहा कि जब कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी में फैसला प्रबंधन से जुड़े लोग लेने लगे और बड़े नेताओं कि कोई सुनवाई न हो तो रास्ता क्या है ये लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी भी पार्टी में जा सकते हैं ये किसी के नहीं होते.
यशपाल आर्य ने उत्तराखंड में बीजेपी की जीत का दावा किया और कहा कि आने वाले दिनों में उनके बेटे और वो बिना किसी मांग के बीजेपी के लिये काम करेंगे. हालांकि खबरें हैं कि बीजेपी से उन्होंने अपने और अपने बेटे के लिए सीट की दावेदारी की डील पर ही बात फिक्स की है.
रीमा पाराशर