Uttarkashi Cloudburst LIVE Updates: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली के ऊंचाई वाले गांवों में मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए या पानी में बह गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस घटना में करीब चार लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज़्यादा लोग लापता हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई, जिसके बाद विनाशकारी बाढ़ आई. इस आपदा के कारण पानी और मलबे का एक ऐसा सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया और कई एजेंसियों को इमरजेंसी राहत अभियान चलाना पड़ा.
प्रभावित क्षेत्र गंगोत्री धाम के पास स्थित है. पर्यटकों द्वारा रिकॉर्ड किए गए विजुअल्स में पहाड़ियों से एक तेज़ धारा बहती हुई दिखाई दे रही है, जो कई घरों और वनस्पतियों को बहा ले जा रही है.
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धराली में आई विनाशकारी आपदा के बीच केंद्रीय एजेंसियां राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है. आपदा प्रभावित इलाकों में तत्काल राहत पहुंचाने के लिए इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने कार्यवाही तेज कर दी है. ITBP के जवानों ने लगभग 80 आपदा पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर, कोपांग कैंप में शिफ्ट कर दिया है. यह कैंप आपदा पीड़ितों के लिए अस्थायी आवास और मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर रहा है. घायल लोगों का इलाज प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद भयंकर तबाही हुई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने बताया कि भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने अब तक 130 लोगों को बचाया है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने के बाद हुई तबाही में सेना के 10 जवान और एक जेसीओ लापता बताए जा रहे हैं. वहीं, एक अधिकारी घायल है. आसमानी आपदा से सेना का कैंप प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद, सेना की 14 राजरिफ यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर और जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं.
(इनपुट- मंजीत नेगी)
उत्तराखंड के अल्मोडा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ, रूद्र प्रयाग, उधम सिंह नगर, उत्तर काशी में अलग-अलग स्थानों पर यथा-जानकी चट्टी, पुलम सुमड़ा, पुरोला, बाराहाट रेंज, चिन्यालीसौड़, बद्रीनाथ, केदारनाथ, कर्णप्रयाग, लोहाघाट, डीडीहाट, मुनस्यारी, रुद्रपुर खटीमा, जसपुर और इनके आस पास के इलाकों मे भारी वर्षा/तीव्र से बहुत तीव्र वर्षा/बिजली के साथ गरज के साथ तूफान आने की बहुत संभावना है. मौसम विभाग ने अगले तीन घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. 6 बजे से रात 8 बजे तक रेड अलर्ट जारी रहेगा.
(इनपुट- कमल नयन)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है. भगवान बदरी विशाल जी से इस दुर्घटना में प्रभावित लोगों के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.
उत्तरकाशी ज़िले ने बार-बार विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेला है, जिनमें सबसे प्रमुख है बार-बार बादल फटना. ऐतिहासिक अभिलेखों के मुताबिक, 1978 में भागीरथी नदी पर डबरानी के पास और 1984 में ज्ञानसू नाला में बादल फटने से भारी क्षति हुई थी. अक्टूबर 1991 में आए भीषण भूकंप में 750 से 1000 लोगों की जान चली गई और हज़ारों घर तबाह हो गए.
(इनपुट- अंकित शर्मा)
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तरकाशी में हुई बादल फटने की घटना पर दुःख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "उत्तरकाशी, उत्तराखंड में बादल फटने की घटना में कुछ लोगों की मृत्यु और बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने का समाचार सुनकर मन को अत्यंत दुख पहुंचा. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। शोक-संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. लापता लोगों के सकुशल होने की प्रार्थना करती हूं"
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, "राज्य सरकार से अपील है कि पीड़ितों को तत्काल मदद, राहत व मुआवजा मुहैया कराया जाए. कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं से गुजारिश करती हूं कि राहत व बचाव कार्यों में हर मुमकिन मदद करें."
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त रहा है, और 2013 की केदारनाथ बाढ़ सबसे भीषण बाढ़ों में से एक थी. आइए तब से राज्य में आई प्रमुख आपदाओं पर एक नज़र डालते हैं.
(इनपुट- मंजीत नेगी)
2013 – केदारनाथ बाढ़
भीषण बादल फटने और बाढ़ से 6,000+ मौतें, 3 लाख श्रद्धालु फंसे.
2021 – ऋषि गंगा ग्लेशियर फटा
जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से बाढ़, 9 मौतें, 125 लोग लापता.
2024 – केदारनाथ हादसे
भूस्खलन में 3 मौतें, बादल फटने से 30 मीटर रास्ता बहा.
2025 – आज की त्रासदी
उत्तरकाशी के धाराली में बादल फटने से भारी तबाही, राहत कार्य जारी.
पुरानी आपदाएं
1991 उत्तरकाशी भूकंप, 1998 मालपा भूस्खलन, 1999 चमोली भूकंप – बड़ी जनहानि.
हर्षिल स्थित भारतीय सेना शिविर से करीब 4 किलोमीटर दूर धराली गांव के पास आज दोपहर लगभग 1:45 बजे भूस्खलन हुआ है. त्वरित एक्शन लेते हुए, भारतीय सेना ने 150 कर्मियों को तैनात किया गया, जो 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गए और तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया. अब तक 15-20 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला जा चुका है, और घायलों को हर्षिल स्थित भारतीय सेना के चिकित्सा केंद्र में शीघ्र चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है.
खोज और बचाव कार्य जारी हैं, और फंसे हुए लोगों का पता लगाने और उन्हें निकालने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है. स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, और भारतीय सेना प्रभावित नागरिकों को हर मुमकिन सहायता देने करने के लिए काम कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है. राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हर मुमकिन कोशिश में जुटी हैं. लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है."
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटना के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली. ITBP की निकटतम 3 टीमों को वहां भेज दिया गया है, साथ ही NDRF की 4 टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं, जो जल्द पहुंच कर बचाव कार्य में लगेंगी."
हर्षिल इलाके में खीरगाड़ नाले के उफान पर आने से विनाश और भी खतरनाक हो गया, जिसके कारण उत्तरकाशी पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना और अन्य बचाव दलों को सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू करना पड़ा. मनेरा, बटकोट और देहरादून से एक-एक टीम भेजी गई है. इसके अलावा, दो टीमें शस्त्रधार हवाई पट्टी पर हवाई मार्ग से लोगों को निकालने के लिए तैयार हैं.
12वीं बटालियन, मातली से एक बचाव दल (जिसमें 1 जीओ, 2 एसओ और 12 ओआर) धराली पहुंच गया है. करीब इतनी ही संख्या वाली एक और टीम भी जल्द ही घटनास्थल के लिए रवाना होगी.
एक चश्मदीद ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, "होटल से लेकर बाज़ार तक सब कुछ तबाह हो गया है. मैंने पहले कभी ऐसी तबाही नहीं देखी."
(इनपुट- जितेंद्र बहादुर सिंह)