उत्तराखंडः टिहरी के बाद यमकेश्वर में स्कूल वाहन दुर्घनाग्रस्त, 6 घायल

टिहरी में हुए सड़क हादसे में नौ छात्रों की मौत के जख्म अभी पुराने भी नहीं पड़े थे कि गुरुवार को पौड़ी के यमकेश्वर में एक स्कूली वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में छह छात्रों के घायल होने की खबर है.

Advertisement
प्रतीकात्मक चित्र प्रतीकात्मक चित्र

aajtak.in

  • देहरादून,
  • 08 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

देव भूमि उत्तराखंड हादसों की भूमि में तब्दील होता जा रहा है. टिहरी में हुए सड़क हादसे में नौ छात्रों की मौत के जख्म अभी पुराने भी नहीं पड़े थे कि गुरुवार को पौड़ी के यमकेश्वर में एक स्कूली वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में छह छात्रों के घायल होने की खबर है.

घायलों का उपचार नजदीकी अस्पताल में कराया गया. सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है. गौरतलब है कि दो दिन पहले ही टिहरी में हुए सड़क हादसे में नौ छात्रों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद भी कुंभकरणी नींद में सो रहे प्रशासनिक अमले की नींद नहीं खुली और देश का भविष्य बच्चे हादसे का शिकार हो गए.

Advertisement

प्रशासनिक अमले से जुड़े लोग यह स्वीकार कर रहे हैं कि स्कूल वाहनों में ओवरलोडिंग हो रही है. टिहरी हादसे का मुख्य कारण भी ओवरलोडिंग था. एक के बाद एक हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासनिक अमला ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने में नाकाम रहा है. परिवहन विभाग के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि स्कूल वाहनों में ओवरलोडिंग होती है. इतने हादसे होने के बावजूद ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण हादसों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है.

हालांकि विभागीय अधिकारी टिहरी हादसे के बाद देहरादून से आ रहे स्कूली वाहनों में ओवरलोडिंग की निरंतर शिकायतों पर एक्शन के लिए टीमें गठित करने का दावा कर रहे हैं. अधिकारियों ने दावा किया है कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. देहरादून में ही तीन दिन के अंदर 196 वाहनों का चालान और 32 वाहन सीज किए जाने का दावा विभाग की ओर से किया जा रहा है. इनमें अधिकतर वाहन फिटनेस के कारण कार्रवाई की जद में आए.

Advertisement

राज्य गठन से अब तक हजारों हादसे

उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आने से अब तक हजारों सड़क हादसे हो चुके हैं. इनमें लगभग 2500 अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं घायलों की तादाद भी लगभग 5000 हजार है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो देवभूमि में हर महीने औसतन चार बड़े सड़क हादसे होते हैं, जिसकी वजह खराब सड़कें, ओवर लोडिंग और गाड़ियों की फिटनेस न होना मुख्य कारण होता है.

पहाड़ी ही नहीं, मैदानी इलाकों में भी हादसों की संख्या बढ़ी है. पुलिस अधीक्षक यातायात (एसपी ट्रैफिक) की मानें तो यातायात नियमों को ताक पर रखकर ओवर स्पीड, रफ ड्राइविंग भी सड़क हादसों को दावत दे रहे हैं. आरटीओ (देहरादून) ने सिग्नल तोड़ने और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करते पकड़े जाने पर कार्रवाई किए जाने का दावा किया, लेकिन वह इससे जुड़े आंकड़े बताने में असमर्थ रहे.

चौंकाने वाले हैं सड़क हादसों के आंकड़े

आंकड़ों पर नजर डाले तो देहरादून शहर में हादसों की संख्या चौंकाने वाली है. अकेले इस वर्ष अप्रैल तक 1776 हादसे हो चुके थे. पिछले साल (2018 में) 7856 सड़क हादसे हुए. वहीं 15 मई 2008 से 2017 तक सड़क हादसों की संख्या एक लाख 25208 रही.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement