केदारनाथ तीर्थ यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले हेलीकॉप्टर से इको सिस्टम को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को बताया है कि वह जल्द ही रोपवे के कंस्ट्रक्शन और ग्राउंड सर्वे को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है और यह रिपोर्ट जल्द ही कोर्ट को सौंपी जाएगी.
पर्यावरण को बचाने और केदारनाथ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के बायोडायवर्सिटी को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एनजीटी के निर्देश पर रोपवे का काम शुरू किया है.
वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि लगातार हेलीकॉप्टरों की आवाजाही से केदारनाथ के आसपास की वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का इकोसिस्टम गड़बड़ा रहा है. इससे लगातार ध्वनि प्रदूषण पैदा हो रहा है. हेलीकॉप्टर की आवाज से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ गया है. वायु प्रदूषण इलाके में काफी बढ़ने से पर्यावरण पर इसका सीधा असर पड़ रहा है. हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल को रोकने के लिए और तीर्थ यात्रियों को केदारधाम तक ले जाने के लिए रोपवे का इस्तेमाल किया जा सकता है.
रोपवे के इस्तेमाल से ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों पर लगाम लगाई जा सकती है. एनजीटी में एक एनजीओ की तरफ से लगाई गई इस याचिका पर सुनवाई के दौरान ये साफ हुआ कि वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पहले ही उत्तराखंड सरकार को हेलीपैड केदारनाथ श्राइन से शिफ़्ट करने के लिए निर्देश दे चुकी है, लेकिन एनजीटी के दख़ल के बाद उम्मीद है कि जल्द ही उत्तराखंड सरकार हेलिकॉप्टर सेवा को रोपवे में तब्दील करने में कामयाब हो जाएगी.
दिनेश अग्रहरि / पूनम शर्मा