चमोली आपदा पर पर बीजेपी नेता उमा भारती ने ट्वीट कर कि मैं इस दुर्घटना से बहुत दुखी हूं. उत्तराखंड देवभूमि है. वहां के लोग बहुत कठिनाई का जीवन जी कर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते हैं. मैं उन सबके रक्षा के लिये भगवान से प्रार्थना करती हूं.
उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए फोन किया. इस मामले में यह उनका चौथा फोन कॉल था.
चमोली हादसे के बाद अब डीएम ने टिहरी बांध से पानी छोड़ने का आदेश दिया है. कहा जा रहा है कि ग्लेशियर से झील बन गई और अब उसका जलस्तर बढ़ रहा है.
ऋषिकेश-जोशीमठ-माना रूट को बीआरओ द्वारा यातायात के लिए फिर से शुरू कर दिया गया. बाढ़ के कारण ये रूट जाम हो गया था. बीआरओ ने रूट से पत्थर आदि हटाकर रोड क्लियर कर दी है.
उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर जोशीमठ में नदी के जलस्तर बढ़ने सम्बंधित भ्रामक एवं तथ्यहीन खबर फैलाई जा रही है, जो पूर्ण रूप से अफवाह है. कृपया सभी से निवेदन है इस प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दें, केवल ऐसे स्रोतों पर विश्वास करें जो विश्वसनीय हो.
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के हादसे के बाद रेस्क्यू जारी है. इस बीच राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि चमोली हादसे में 7 लोगों की मौत हुई है. छह लोग घायल हैं और करीब 170 लोग लापता हैं.
NDRF के आईजी ने कहा कि विभिन्न एंजेसियां काम कर रही हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके. जो लोग सुरंग के बाहर फंसे थे उन्हें ITBP द्वारा सुरक्षित निकाला गया है. जो लोग सुरंग के अंदर फंसे हैं उन्हें बचाने का कार्य जारी है.
NDRF एनडीआरएफ की तरफ से कहा गया है कि ऑपरेशन रात में भी चलेगा हालांकि स्पीड थोड़ा कम हो सकती है. क्योंकि विजिबिलिटी और मौसम की वजह से ऐसा हो सकता है. लोगों को ज्यादा से ज्यादा बचाने की कोशिश की जा रही है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय अभी भी कंट्रोल रूम में मौजूद हैं.
चमोली आपदा राहत कार्य के लिए IAF का C130J सुपर हरक्यूलिस विमान देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर उपकरणों के साथ पहुंचा.
NDRF सूत्रों के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी रात चलेगा. रेस्क्यू में लगी सभी एजेंसी कोआर्डिनेशन के साथ काम कर रही हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय कंट्रोल रूम में सब कुछ मॉनिटर कर रहे हैं. रात में भी गृह राज्य मंत्री कंट्रोल रूम से सब कुछ मॉनीटर करेंगे.
चमोली में हादसे वाली जगह पर चौबीसों घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए लाइट की व्यवस्था की गई है. यहां आईटीबीपी, NDRF और SDRG की टीमें मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आजतक से इस आपदा को लेकर विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि रैणी गांव में हिमस्खलन हुआ था. उसके कारण चार छोटे झूला पुल और रैणी गांव में जो ऋषिगंगा प्रोजेक्ट था वो पूरी तरह बर्बाद हो गया. 2020 में ही इसमें बिजली बननी शुरू हुई थी. ये प्रोजेक्ट 13 मेगावाट का था. आज वहां पर कोई भी अवशेष नहीं है. तपोवन में एनटीपीसी का एक हाइड्रोप्रोजेक्ट निर्माणाधीन था जिसमें बड़ी संख्या में लोग काम कर रहे थे. रैणी वाले प्रोजेक्ट में 35-36 लोग काम पर थे जिनमें से 5-6 लोग सुरक्षित हैं. जिसमें दो पुलिस के जवान हैं जो वहां सुरक्षा ड्यूटी पर थे वो भी उसमें कालकवलित हुए हैं. तपोवन वाला जो प्रोजेक्ट है उसमें दो टनल है. एक टनल जो छोटी है उसमें सभी को बचा लिया गया है. और एक टनल जो लगभग ढाई किलोमीटर लंबी है, उसमें पहले तो प्रवेश ही मुश्किल था क्योंकि वहां दलदल बन गया है. उसमें तख्ते रखकर प्रवेश किया गया है. कल फिर वहां आईटीबीपी, सेना और एसडीआरफ की टीम जाएगी. भारत सरकार ने भी एनडीआरएफ की टीम भेजी है. सेना के तीन हेलिकॉप्टर और एयरफोर्स का भी एक हेलिकॉप्टर भेजा गया है. अभी तक जो मिसिंग है वो 130-135 के आसपास है. ये संख्या घट-बढ़ सकती है क्योंकि अभी कोई बताने की स्थिति में नहीं है. अभी पहला काम लोगों को बचाने का है.
पीएमओ ने जानकारी दी है कि पीएम मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर के टूटने से हुए दुखद हिमस्खलन के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए PMNRF से 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये देने का फैसला लिया है.
गाजियाबाद से NDRF की टीम देहरादून पहुंच गई है. अब एनडीआरएफ की टीम देहरादून से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है.
SDRF के कमांडेंट नवनीत सिंह भूल्लर ने टनल के अंदर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की कमांन संभाली. अत्यधिक मलबे ओर दलदल से भरे टनल में रेस्क्यू कार्य में अत्यधिक दिक्कतें आ रही हैं.
उत्तराखंड आपदा को लेकर एनडीआरएफ के आईजी ने आजतक से विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा रेसक्यू ऑपरेशन 24 से 48 घंटे तक जारी रह सकता है. बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात की भी आशंका व्यक्त की कि 40-50 लोग नदी में बह गए होंगे. उन्होंने कहा, "हम बचे और मृत दोनों की तलाश कर रहे हैं. आपदा 2013 जितनी बड़ी नहीं है."
देहरादून वापस लौटे उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया को ताजा जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी मदद कर रही है. पीएम मोदी और गृह मंत्री ने फोन पर तत्काल बात की और हरसंभव मदद की बात कही. एसडीआरएफ और मेडिकल टीम तैनात है. स्थानीय लोग आज अवकाश पर थे. इसके साथ उत्तराखंड के सीएम ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपयों का मुआवजा देने का ऐलान भी किया. उन्होंने बताया कि यूपी, बिहार, गुजरात सरकार ने भी मदद की पेशकश की है.
DRDO के हिमस्खलन एक्सपर्ट की टीम भी उत्तराखंड के लिए एयरलिफ्ट की गई है. बता दें कि DRDO के पास हिमस्खलन की निगरानी और अग्रिम चेतावनी के लिए एक विशेष टीम है. डीआरडीओ की ये टीम राहत, बचाव और बाद में पुनर्वास कार्यक्रम में मदद करने के लिए भेजी गई है.
मौसम विभाग ने नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को जानकारी दी है कि 2 दिनों तक कोई बारिश नहीं होगी इसलिए रेस्क्यू में किसी भी तरीके की दिक्कत नहीं आएगी. साथ ही आसपास के जो पड़ोसी गांव हैं उनको भी वाटर लेवल बढ़ने से कोई नुकसान अब नहीं होगा. निचले गांव में बाढ़ का खतरा नहीं है क्योंकि जल स्तर लगातार घट रहा है.
नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में सेंट्रल वॉटर कमीशन ने जानकारी दी कि नदी का जल स्तर कम हो रहा है. सेंट्रल वॉटर कमीशन ने NCMC को जानकारी दी कि आसपास के गांव को खतरा नहीं है. NCMC ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां उत्तराखंड में सतर्क रहें.
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में नेवी के गोताखोरों को भी रेस्क्यू के लिए भेजा है. ताकि बेहतर तरीके से नदी में रेस्क्यू किया जा सके. बता दें कि अब तक एनडीआरएफ की 5 टीमें उत्तराखंड भेजी जा चुकी हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वापस देहरादून लौट आए हैं. उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, "मैं मौके पर स्थिति की समीक्षा करने के बाद देहरादून वापस आ गया हूं. मैं अब आपदा प्रबंधन दल से मिल रहा हूं जिसमें राज्य के अधिकारी और सेना और आईटीबीपी शामिल हैं. मैं शीघ्र ही प्रेस मीटिंग करूंगा और स्थिति पर सभी को अपडेट करूंगा."
उत्तराखंड त्रासदी को लेकर चल रही नेशनल क्राइसिस मैनेटमेंट कमेटी (NCMC) की बैठक खत्म हो चुकी है. यह बैठक कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हो रही थी. उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति को लेकर यह मीटिंग की गई थी. बैठक में गृह सचिव, विद्युत मंत्रालय के सचिव, ITBP के महानिदेशक, चीफ आईडीएस, NDMA के सदस्य, NDRF के डीडी, CWC के चेयरमैन, IMD के डीजी और DRDO के चेयरमैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. उत्तराखंड के मुख्य सचिव भी अपने अधिकारियों की टीम के साथ बैठक में शामिल हुए.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तराखंड त्रासदी को लेकर चिंता जताई है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से आई त्रासदी की खबर बहुत दुखद है। इस मुश्किल समय में पूरा देश उत्तराखंड के निवासियों के साथ खड़ा है."
उत्तराखंड के चमोली जिले में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर को स्टैंडबाय पर रखा गया है. गौरतलब है कि चिनूक हेलिकॉप्टर भारी भार उठाने में सक्षम हैं और ऐसे रेस्क्यू ऑपरेशन्स के लिए काफी मददगार हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लोगों की जान बचाने के साथ-साथ आईटीबीपी के जवान लोगों में जोश भी भरते नजर आ रहे हैं.
उत्तराखंड में 'ग्लेशियर टूटने', बाढ़ और विनाश की परेशान करने वाली खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा, "मैं सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हूं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों से अनुरोध करती हूं कि वे राहत और बचाव के प्रयासों में लोगों और अधिकारियों की मदद करें. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस त्रासदी और संकट की घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ खड़ी है."
उत्तराखंड त्रासदी को लेकर एडीआरएफ के कंट्रोल रूम से जानकारी दी गई है कि अब तक संयुक्त ऑपरेशन में 10 लोगों के शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं.
नेशनल क्राइसिस मैनेटमेंट कमेटी (NCMC) की बैठक शुरू. कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बैठक हो रही है. उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति को लेकर मीटिंग हो रही है. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक चल रही है.
तपोवन टनल में फंसे लोगों में से 16 लोगों को बाहर निकाला गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है कि सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकाल लिया गया है.
उत्तराखंड फ्लैश फ्लड में बचाव कार्य जारी है. एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड त्रासदी में पानी के तेज बहाव का असर फिलहाल अभी तक सिर्फ श्रीनगर तक ही देखा जा रहा है. मैदानी इलाके जैसे ऋषिकेश और हरिद्वार में फिलहाल अभी इसके असर की कोई संभावना नहीं है. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में अबसे थोड़ी देर में ही नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक होगी जिसके लिए प्रेजेंटेशन तैयार किया जा रहा है. कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में यह बैठक होगी जिसमें गृह सचिव और केंद्र सरकार के आला अधिकारी शामिल होंगे.
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कर्णप्रयाग में आज 3 बज कर 10 मिनट पर नदी में पानी की बहाव की स्थिति से साफ़ है कि बाढ़ की सम्भावना बहुत ही कम है. हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फंसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं. किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं.
त्रासदी के चलते नदी के किनारे इलाके पूरी तरह से तबाह हुए हैं. आईटीबीपी के लोगों के सामने यह चुनौती है कि सुरंग में फंसे लोगों को कैसे निकाला जाए. एनटीपीसी प्रोजेक्ट इनके फंसे होने की सूचना मिल रही है. यह भी जानना जरूरी है कि ग्लेशियर कैसे टूटा. ग्लेशियर टूटने से काफी मलबा है.
ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां NTPC प्रोजेक्ट से 10 शव बरामद किए गए हैं. ITBP के डीजी ने यह जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि टनल में 15-20 लोगों के फंसे होने की आशंका है. प्रोजेक्ट पर करीब 120 लोग काम कर रहे थे. प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोग तेज पानी में बह गए.
गाजियाबाद हिंडन से NDRF की 3 टीम उतराखंड से एयर लिफ्ट होने के लिये तैयार.
आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. इस बीच प्रशासन ने जानकारी दी है कि चमोली त्रासदी में करीब 150 लोग लापता हैं जबकि अभी तीन शव बरामद किए गए हैं.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हुआ है और नदी का जल स्तर बढ़ने की सूचना मिली है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी को इस संबंध में सहायता का आश्वासन दिया है. हम इस घटना पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बातचीत की. गुजरात के फंसे सभी यात्रियों को मदद मुहैया कराने और सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के सिलसिले में बात की है.
उत्तराखंड के प्रमुख सचिव ओम प्रकाश ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि चमोली में ग्लेशियर टूटने से 100-150 के हताहत होने की आशंका है.
राहुल गांधी ने कहा कि चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है. मेरी संवेदनाएं उत्तराखंड की जनता के साथ है. राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें. कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएं.
स्थिति से निपटने के लिए सेना के 600 जवानों को रवाना किया गया है. वायुसेना भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है. एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई हैं. सीएम से बात हो गई है. वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्री ने बताया कि वो भी शाम तक उत्तराखंड पहुंचेंगे. केंद्र सरकार की तरफ से हर तरह की मदद की जाएगी.
आईटीबीपी के जवानों ने मौके पर पहुंचकर तपोवन और रैनी गांव के उस इलाके में नुकसान का जायजा लिया जहां ग्लेशियर टूटा है.
चमोली में धौलीगंगा नदी में बाढ़ गई. इससे ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को बहुत नुकसान हुआ है. इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे 150 लोग लापता हैं.
उत्तराखंड के वर्तमान हालात को लेकर के गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ-साथ आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल से भी उन्होंने पूरी जानकारी ली. गृह मंत्रालय हालात पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान और डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों से भी गृह मंत्री ने बात की. राज्य में पूरी मदद के दिए निर्देश.
चमोली: ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड में सैलाब, देखें-तबाही की तस्वीरें
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है.
ITBP की राफ्टिंग टीम भी रेस्क्यू करने के लिए तैनात किया गया है. साथ ही गंगा नदी में ऋषिकेश के पास राफ्टिंग करने वाले लोगों को भी नदी से हटने के निर्देश दिए गए हैं.
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि एसडीआरएफ और लोकल प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुट गया है. अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें. कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया,' अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें. कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं. मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं- मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर दहशत ना फैलाएं. स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं. आप सभी धैर्य बनाए रखें.'
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि, 'चमोली जिले से एक आपदा की सूचना मिली है. जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों को स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिया गया है. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है.'
चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर वाली गली से ग्लेशियर टूट गया है जिस कारण यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान हो गया है. साथ ही धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी भारी नुकसान की सूचना मिल रही है. प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. अभी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है कि इस तबाही में कितना नुकसान हो पाया है. प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है.
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ स्थित धौलीगंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई है. सरकार ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को आपदा से निपटने के आदेश दिए हैं. जनता से निवेदन किया है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें. सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.