उत्तराखंड में डेंगू अब महामारी के रूप में नजर आने लगा है. आलम ये है की सरकारी आंकड़ों में प्रदेश में डेंगू मरीजों की संख्या 1900 के पार पहुंच चुकी है. वहीं, मौजूदा हालात में प्राइवेट आंकड़ों में ये संख्या हजारों की तादात में है. स्थिति इतनी भयावह हो चली है कि आम आदमी के साथ स्वास्थ्य विभाग, सचिवालय परिसर हो या फिर पुलिस महकमा कोई भी इससे अछूता नहीं है.
पुलिस के 120 जवान भी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. राजधानी देहरादून के एसपी, सीओ और कई इंस्पेक्टर भी डेंगू और वायरल फीवर की चपेट में हैं, जिनका इलाज चल रहा है. कुल मिलाकर महामारी का आंकड़ा हजारों पार जा चुका है.
डेंगू के डंक से डरकर अब पुलिस मुख्यालय से भी बीमार पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट तैयार होने लगी है और जब रिपोर्ट सामने आई तो संख्या पुलिस विभाग में 120 पार पहुंची हुई मिली. मामले की गंभीरता बढ़ती देख आखिरकार पुलिस महकमे ने अपने सिपाहियों और उनके परिजनों के साथ पुलिसलाइन देहरादून में बढ़ते डेंगू से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशाशन, नगर निगम की टीमों को बुलाना पड़ा. इस दौरान डीएम सी रविशंकर, मेयर सुनील उनियाल गामा सहित स्वस्थ्य विभाग के अफसर पुलिस को डेंगू से बचने के उपाय देते हुए दिखे.
एसएसपी देहरादून अरुण मोहन जोशी ने कहा कि डेंगू के प्रकोप से पुलिसवाले तक नहीं बच पाए हैं. ऐसे में डीजी ने सभी एसएसपी और पुलिस महकमे को आदेश जारी कर दिए हैं कि वे सभी थाने चौकियों में स्वछता बनाए रखें. इसके अलावा ज्यादा संशय होने पर पैनिक न हों और तुरंत इलाज कराएं.
वहीं, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि डेंगू को लेकर लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. नगर निगम पूरे प्रयास कर रहा है. जहां भी पानी के इकठ्ठा होने को लेकर सूचना सामने आएगी, वहां नगर निगम तुरंत उसकी साफ सफाई का काम करेगा. हालांकि स्वस्थ्य महकमा डेंगू पर रोक लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है और डेंगू महामारी के रूप में लगातार पैर पसार रहा है.
दिलीप सिंह राठौड़