उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आईटीबीपी के साथ ही सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीम राहत कामों में जुटी हुई हैं. इस बीच ऋषि गंगा के जल स्तर मे उतार-चढ़ाव को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने अर्लट जारी करते हुए सूर्यास्त के बाद किसी को भी नदी किनारे न जाने की सलाह दी है.
इधर, NTPC और परियोजना के कार्यप्रभारी जीएम आरके अहिरव ने बताया कि तपोवन सुरंग में 11.6 मीटर पर पंक्चर कर दिया गया है. हम छेद को बड़ा करेंगे. इससे हम वहां पर पंपिंग का प्रयास कर सकेंगे. यह अच्छा संकेत है कि वहां से पानी नहीं आ रहा है. अब हम नई मशीन से ड्रील कर बड़ा छेद कर सकते हैं.
इससे पहले दोपहर में अचानक से ऋषिगंगा नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा. इस वजह से कुछ देर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा. इसके बाद चुनिंदा मेंबर्स की टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया. अब टनल के अंदर के काम तेजी से होगा. मलबा मध्य रात्रि से अंदर जेसीबी लगाकर डंपर से बाहर लाया जा रहा है. बता दें कि इस हादसे में अब तक 33 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, लापता करीब 170 लोगों की तलाश जारी है.
मच सकती है भारी तबाही
अलकनंदा पर ग्लेशियर टूटने के बाद कई झील बन गईं हैं, जिसमें लाखों क्यूसेक पानी भर गया है. सितम इतना भर नहीं है, सितम ये कि इन झीलों ने अलकनंदा का मुहाना बंद कर दिया है. बीच-बीच में चट्टाने खिसकती हैं तो पानी नदी में आता है. ये एक ऐसी स्थिति जहां झील का पानी अचानक नदी में आया तो भारी तबाही मच सकती है.
मंजीत नेगी