आईटीबीपी संभालेगी टिहरी डैम, वाटर स्पोर्ट्स और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इस समझौते से टिहरी झील में कयाकिंग, कैनोइंग, रोइंग, सेलिंग, पैरासेलिंग, पैराग्लाइडिंग जैसे अनेकों साहसिक वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा.

Advertisement
आईटीबीपी और यूटीडीबी ने MoU पर किया साइन (फोटो- आजतक) आईटीबीपी और यूटीडीबी ने MoU पर किया साइन (फोटो- आजतक)

कमलजीत संधू / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली/देहरादून,
  • 21 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST
  • आईटीबीपी के खेलों के अनुभव का मिलेगा लाभ
  • देश के साहसिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
  • राज्य पुलिस बल के जवानों की भी होगी ट्रेनिंग

देश में साहसिक खेलों के इतिहास में सोमवार को एक और अध्याय जुड़ गया. जब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने टिहरी झील में स्थापित साहसिक खेल अकादमी के संचालन के लिए 20 साल के समझौते (एमओयू) पर साइन किया.

इस समझौते से आईटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ देश के साहसिक पर्यटन को मिलेगा. साथ ही इस झील में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के जवानों की व्यापक ट्रेनिंग हो सकेगी. इस संस्था के माध्यम से स्थानीय युवाओं को भी वाटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग दी जा सकेगी.

Advertisement

इस समझौते से टिहरी झील में कयाकिंग, कैनोइंग, रोइंग, सेलिंग, पैरासेलिंग, पैराग्लाइडिंग जैसे अनेकों साहसिक वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही, वाटर रेस्क्यू और लाइफ सेविंग कोर्स का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. साल 1962 में आईटीबीपी की स्थापना के बाद से ही साहसिक खेलों में उनका शानदार इतिहास रहा है. आईटीबीपी ने पर्वतारोहण, स्कीइंग, राफ्टिंग और अन्य साहसिक खेलों में अग्रणी भूमिका निभाई है. 

सोमवार को आईटीबीपी के पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान, एमएसआई औली के प्राचार्य डीआईजी गंभीर सिंह चौहान और यूटीडीबी के निदेशक प्रशांत आर्या ने इस समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किये. 

इस मौके पर आईटीबीपी उत्तरी फ्रंटियर के आईजी नीलाभ किशोर विशेष तौर पर उपस्थित रहे. इस विशेष समझौते से देश में वाटर स्पोर्ट्स को एक नया आयाम मिलने की संभावना है, जबकि विशाल टिहरी झील में अब विश्वस्तरीय जल क्रीड़ा प्रशिक्षण का कार्य और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement