बागेश्वर में गुलदार के आतंक से सहमे ग्रामीण, बच्चों का स्कूल जाना हुआ मुश्किल

बागेश्वर जनपद के वजयुला, तिलसारी, छटिया, सालमगढ़ में गुलदार के आतंक से ग्रामीण खौफजदा हैं. वन विभाग के अधिकारी हरीश खड़कवाल का कहना है कि ग्रामिणों की शिकायत को संज्ञान में लिया गया है. संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर पिंजरा लगाने और कैमरा लगाने की योजना पर काम चल रहा है.

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गुलदार के आतंक से खौफ में ग्रामीण गुलदार के आतंक से खौफ में ग्रामीण

जगदीप सिंह

  • बागेश्वर ,
  • 12 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:22 PM IST

उत्तराखंड में लगातार गुलदारों का आतंक बढ़ता ही जा रही है. बागेश्वर जनपद के वजयुला, तिलसारी, छटिया, सालमगढ़ में गुलदार के आतंक से ग्रामीण खौफजदा हैं. जिसकी वजह से स्कूली बच्चों और राहगिरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दो सप्ताह पूर्व सालमगढ़ के पास एक युवती को स्कूटी में जाते हुए गुलदार ने चोटिल किया था. स्कूली बच्चों को आते-जाते गुलदार दर्शन हो ही जाते हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि तीन साल पहले  सालमगढ़ के पास ही हरीनगरी क्षेत्र में गुलदार ने एक ही परिवार के दो मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाया था. ग्रामीणों ने वन विभाग से गुहार लगाई है कि उनके क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए और पिंजरे लगाए जाएं.

गुलदार के आतंक से खौफ में ग्रामीण

वन विभाग के अधिकारी हरीश खड़कवाल का कहना है कि ग्रामिणों की शिकायत को संज्ञान में लिया गया है. संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर पिंजरा लगाने और कैमरा लगाने की योजना पर काम चल रहा है. वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने को कहा है. 

वन विभाग चिन्हित जगहों पर पिंजरे लगाने के काम में लगा

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से जंगल में कुछ बदलाव आया है. सियारों की संख्या में आई कमी के कारण गुलदारों की संख्या में इजाफा हुआ है. क्योंकि सियार, गुलदारों के शावकों को अपना शिकार बनाते थे. जिसकी वजह से गुलदारों की संख्या नियंत्रित रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. भोजन की तलाश में गुलदार मानव बस्तियों आते हैं और इंसानों पर हमला करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस समस्या से निपट लिया जाएगा. 

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