उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के कारण व्यापक तबाही हुई थी. चमोली जिले में आई इस भीषण त्रासदी में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया तो बड़े पैमाने पर जन-धन की भी हानि हुई. इस त्रासदी में अब तक 100 से अधिक लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. इलाके के करीब 100 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जाते हैं.
चमोली पुलिस के मुताबिक, अब तक 72 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 30 लोगों के शरीर के अंग अलग-अलग जगह से बरामद किए गए हैं. इनमें से कुछ की पहचान हुई है तो कई की शिनाख्त अभी बाकी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चमोली पुलिस की ओर से बरामद किए गए 72 में से 40 शव और 30 लोगों के शरीर के अंग में से एक की पहचान हुई है.
चमोली पुलिस के अनुसार जोशीमठ थाने में 205 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज है. इनमें से 100 से अधिक लोगों के शव या शरीर के अंग बरामद कर लिए गए हैं. गौरतलब है कि हादसे के बाद से अब तक शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) और स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एसडीआरएफ) के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं.
तपोवन टनल से भी कई लोगों के शव निकाले गए थे. बता दें कि रैणी गांव के समीप ग्लेशियर टूटने के बाद व्यापक तबाही हुई थी. ग्लेशियर टूटने के बाद झील भी बन गई है. हाल ही में एसडीआरएफ के जवानों के साथ वैज्ञानिकों के दल ने उस स्थान का दौरा किया था, जहां झील का निर्माण हुआ है.
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