उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही का सिलसिला थम नहीं रहा. मौसम विभाग ने पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली और नैनीताल जिलों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. जबकि देहरादून और टिहरी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. अगले 24 घंटे उत्तराखंड के इन जिलों में भारी बारिश से पहाड़ों में भूस्खलन भी हो सकता है. लिहाजा दरकते पहाड़ यहां बड़ी तबाही ला सकते हैं. मैदानी इलाकों में भी मूसलाधार बारिश से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
उत्तराखंड के जोशीमठ से 13 किमी दूर बलदोड़ा में एक कार सवार बाल बाल बच गया. जैसे ही वो सड़क पर कार निकालने लगा सामने खड़ा पहाड़ भर भराकर टूट गया. पहाड़ का मलबा कार के बिल्कुल पास आकर गिरा. बद्रीनाथ हाईवे पर बोल्डर गिरने से रास्ता बंद है जिसे खोलने के लिए बोल्डर को हटाने का काम जारी है.
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की ऊंची पहाड़ियों में तीन दिन से झमाझम बारिश हो रही है. इसकी वजह से विश्व विख्यात शक्तिपीठ नैना देवी में पानी भर गया. मूसलाधार बारिश की वजह से जगह जगह झरने फूट रहे हैं . पीडब्ल्यूडी भूस्खलन के बाद सड़क पर गिरे पत्थरों को हटाने का काम कर रही है. यहां के पहाड़ी इलाके में सर्दियों के मौसम की तरह गहरी धुंध छाई हुई है. जिसकी वजह से गाड़ी वालों को दिन में भी हेडलाइट जलानी पड़ रही है.
देहरादून में भारी बारिश के बाद तबाही मची हुई है. यहां प्रेमनगर मोहल्ले में 4 दुकानें भर भराकर गहरी खाईं में समां गईं. जबकि शहर के कारगी चौक में सड़क पर ऐसा सैलाब आया कि कार तिनके की तरह बह गई. शहर में जगह जगह जलभराव हुआ है. यहां के कोविड अस्पताल की इमरजेंसी और कोरोना वार्ड में पानी भर गया है.
पिथौरागढ़ में बीआरओ ने रिकॉर्ड समय में एक बैली ब्रिज तैयार किया है. 27 जुलाई को बादल फटने की वजह से यहां बना पुल धव्स्त होने के बाद सैलाब में बह गया था. तभी बीआरओ को बैली ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लगातार पहाड़ों में भूस्खलन से बैली ब्रिज के लिए सामान ले जाना बहुत ही चुनौती पूर्ण था. बहरहाल इस पुल के बन जाने से पिथौरागढ़ और मुनस्यारी के बीच आवागमन फिर शुरू हो गया है.
ऋषिकेश में सोन्ग नदी का रौद्ररूप देखकर लोग डरे हुए हैं. नदी ने कई तटबंध तोड़ दिए हैं जिसकी वजह से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ की मुसीबत झेल रहे दर्जनों परिवारों के सामने खाने-पानी की समस्या है.
नेपाल के सिंधुपालचौक जिले में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में 19 लोग मारे गए हैं. जबकि करीब 27 लोग लापता हैं. एक दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. बारिश के पानी के साथ पहाड़ों से बहकर आए बोल्डर से कई घर पूरी तरह से तबाह हो गए. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन लगाई गई हैं. घायलों को हेलिकॉप्टर की मदद से काठमांडू लाया गया है.
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