इसके तहत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों को मूर्तियां और दीपक बनाने के लिए सरकार की तरफ से उपकरण फ्री दिए जाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह सुविधा गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ के कलाकारों के लिये शुरू की जाएगी.
कुम्हारों के साथ बैठक
इस बारे मे तीनों जिलों के कलाकारों और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों की लखनऊ में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. लखनऊ में कुम्हारों के प्रतिनिधि के तौर पर तमाम कलाकारों ने सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की है.
जून से अगस्त तक ट्रेनिंग
इस बैठक में तय हुआ कि चीन से आने वाली प्रतिमाओं, डिजाइनर दीयों पर निर्भरता कम करने के लिए जून के आखिर से अगस्त तक ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी.
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चीन की मूर्तियों और उत्पादों से भारत के कलाकार प्रतिस्पर्धा कर सकें इसके लिए माटी कला बोर्ड से जुड़े कलाकारों को प्रशिक्षण के साथ नि:शुल्क अत्याधुनिक डाई, फर्निशिंग मशीन और आवश्यक मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा.
कारीगरों की मांग पर मुफ्त पग मिल, इलेक्ट्रिक चाक, दीपक बनाने वाली मशीन और मार्डन डिजाइन की डाई उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया है.
कुम्हारों की कला को बढ़ावा देने के लिये यूपी के जिन जिलों में कुम्हारों और मिट्टी कला से जुड़े कारीगरों के लिए सुविधा केंद्र का अभाव है, वहां तत्काल सुविधा केंद्र खोले जाने के प्रस्ताव भी मांगे गए है.
शिवेंद्र श्रीवास्तव