जमीन मामले में FIR पर बोले आजम खान- फर्जी है, BJP सरकार की ज्यादती

उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा सांसद आजम खान अब भू माफिया की सूची में शामिल हो गए हैं. इस पूरे मामले पर आजतक से बातचीत करते हुए आजम खान ने कहा कि एफआईआर फर्जी है, बदले की भावना से यह किया जा रहा है.

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सपा सांसद आजम खान (फोटो- IANS) सपा सांसद आजम खान (फोटो- IANS)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा सांसद आजम खान अब भू-माफिया की सूची में शामिल हो गए हैं. इस पूरे मामले पर 'आजतक' से बातचीत करते हुए आजम खान ने कहा कि एफआईआर फर्जी है, बदले की भावना से यह किया जा रहा है.

आजम खान ने कहा, 'जुल्म-ज्यादती हमारे खिलाफ की जा रही है. हमने पार्लियामेंट जीत लिया है. हम विधानसभा भी जीतेंगे. नफरत का संदेश देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) फायदा पा लेगी, ऐसा सोचना उसका गलत ख्वाब पालना है. समाज में इतना बंटवारा करना गलत है.'

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उन्होंने कहा, 'लोग शिक्षा के लिए जमीन देते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी तो जमीन छीनने के लिए काम कर रही है. चंद बीघा जमीन के लिए इतना गंदा काम निंदनीय है. मुझे अंदेशा इस बात का है कि कहीं मरणोपरांत सर सैयद अहमद खान और मदन मोहन मालवीय के नाम भी एफआईआर दर्ज ना कर दिया जाए.'

उन्होंने कहा, 'चंद बीघा जमीन का झगड़ा खड़ा किया जा रहा है. जमीन की रजिस्ट्री 12-14 साल पहले हो चुकी है. चेक से पेमेंट किया गया है.

'दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा'

आजम खान ने कहा, 'अगर कोई जमीन बेईमानी या धोखे से या ताकत से किसी ने ले ली है, तो उसे किसी थाने में रजिस्ट्रार ऑफिस में या किसी अदालत में दरख्वास्त देना चाहिए उसका पीरियड तीन साल का होता है. तीन साल से एक दिन भी ज्यादा हो गया तो उसका वह अधिकार खत्म हो जाता है.'

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उन्होंने कहा, 'यह झगड़ा सिविल डिस्प्यूट है, इसमें क्रिमिनल डिस्प्यूट नहीं हो सकता है. 12-14 साल पुरानी बात है और इस पर 15-15 FIR हो रही है. दो-चार दिन में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.'

आजम खान ने कहा, 'मदरसों में तो पहले से ही राष्ट्रवाद होता है. उलेमा ने तो पहले से ही कुर्बानी दी है. उलेमाओं ने तो मदरसे से फतवा दिया था कि अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, लेकिन जो लोग आज बड़े राष्ट्रभक्त बनते हैं उनको कोई मतलब ही नहीं था. दूर-दूर तक अब जो भी कानूनी बात होगी उसको हम देखेंगे.

उन्होंने कहा, 'शिक्षा तो शिक्षा ही है, कोई जोर जबरदस्ती कर नहीं दिया जा सकता. बहुत सारे ऐसे इंस्टीट्यूशन है जो परमिशन चाहते हैं. एनसीसी और स्काउट के लिए उनको नहीं मिलता है. हमने अपने इंस्टीट्यूशन के लिए परमिशन मांगा, लेकिन हमें तो आज तक परमिशन नहीं दिया गया. मदरसे वाले जाने की आखिर करना क्या है, हम अपने इंस्टीट्यूशन के लिए एनसीसी और स्काउट की मांग करते रहे लेकिन हमें आज तक नहीं मिला है.'

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