गौशाला में लापरवाही बरतने पर CM योगी ने 5 अधिकारियों को किया निलंबित

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

Advertisement
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-ANI) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-ANI)

शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 14 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

  • गौशाला में अनियमितता बरतने का मामला
  • 900 गायों की जगह 2500 गायों का ले रहे थे खर्च

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन अधिकारियों पर गौशाला में अनियमितता बरतने का आरोप है. दरअसल, निचलौल तहसील की एक गौशाला को लेकर उन्हें शिकायत मिली थी.

इसके बाद जांच में पाया गया कि गौशाला में 2500 की जगह सिर्फ 900 गायें हैं. पशुओं की कमी के बावजूद खर्च 2500 गायों का लिया जा रहा था. इसके पीछे जिले के आला अधिकारियों का हाथ था. जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएम योगी ने पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.

Advertisement

इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने महराजगंज के जिलाधिकारी (डीएम) अमरनाथ उपाध्याय, उप जिला अधिकारी (एसडीएम)- देवेंद्र कुमार और सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु अधिकारी राजीव उपाध्याय और मुख्य उप पशु चिकित्सा अधिकारी वी. के. मौर्या को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इन सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दे दिए गए हैं.

प्रदेश के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने बताया, महराजगंज जिले के मधुबलिया गो सदन में गोवंश के रखरखाव में अनियमितता मिलने पर जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारी निलंबित किए गए हैं. तिवारी ने बताया, जांच में पता चला कि अभिलेखों के अनुसार यहां पर 2500 गोवंश होने चाहिए थे. निरीक्षण में मात्र 900 पाए गए. यह कमी गंभीर अनियमितता और शिथिलता है.

उन्होंने बताया, अपर आयुक्त गोरखपुर की जांच समिति ने पाया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी वजह स्पष्ट नहीं की. इससे यह लगता है कि संख्या जानबूझकर अधिक बताई गई. संख्या कम होने के बावजूद चारे या अन्य खर्च में कोई कमी नहीं थी. अभिलेख भी सही नहीं पाया गया. 500 एकड़ जमीन का पशुपालन विभाग का कब्जा था, जबकि समिति ने गैर कानूनी ढंग से 380 एकड़ जमीन निजी व्यक्ति को लीज पर दे दी. इसकी न किसी से अनुमति ली गई और न ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई. यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है.(इनपुट एजेंसी से)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement