पीड़ित परिवारों से मिलने कल सोनभद्र जाएंगे योगी आदित्यनाथ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जाएंगे. योगी आदित्यनाथ सोनभद्र के जिला अस्पताल में सबसे पहले पीड़ित परिवारों से मिलेंगे. लखनऊ वापस आने से पहले योगी आदित्यनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

Advertisement
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

नीलांशु शुक्ला / शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 20 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जाएंगे. सोनभद्र के जिला अस्पताल में सबसे पहले वह पीड़ित परिवारों से मिलेंगे. लखनऊ वापस आने से पहले योगी आदित्यनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

गौरतलब है कि जमीन विवाद में सोनभद्र में 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए सोनभद्र जा रही थीं. इस बीच उन्हें मिर्जापुर में रोक दिया गया था. प्रियंका पीड़ित परिवारों से मिलने पर अड़ी रहीं. इसके बाद प्रियंका गांधी ने आखिरकार शनिवार को सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजनों से मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में मुलाकात की. प्रशासन ने सिर्फ दो लोगों को ही प्रियंका से मिलने की इजाजत दी.

Advertisement

सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजन प्रियंका गांधी से मिलने चुनार गेस्ट हाउस पहुंचे तो प्रियंका गांधी भावुक हो गईं. पीड़ित परिवार की महिलाएं अपना दर्द बयां करते हुए रोने लगीं तो भावुक प्रियंका ने पीड़ितों के आंसू पोंछते हुए गले से लगा लिया. प्रियंका गांधी ने उनकी हिम्मत बढ़ाई और इंसाफ दिलाने का वादा किया.

अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र हत्याकांड के परिजनों से मिलने जाएंगे. इससे पहले इस मुद्दे पर  बोलते हुए योगी ने कहा था कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे-सीधे इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी. सोनभद्र के विवाद के लिए 1955 और 1989 की कांग्रेस सरकार दोषी है. 

Advertisement

मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि सोनभद्र में जो घटना घटी है, उसकी नींव 1955  में रखी गई थी. इस पूरे प्रकरण में ग्राम पंचायत की जमीन को 1955 में आदर्श सोसाइटी के नाम पर दर्ज कर किया गया था. इस जमीन पर वनवासी समुदाय के लोग खेती बाड़ी करते थे. बाद में इस जमीन को किसी व्यक्ति के नाम 1989 में कर दिया गया था. 1955 में कांग्रेस की सरकार थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement