उत्तर प्रदेश के सैफई जिले में 22 जुलाई को ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज की किशोरी सलोनी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. इस मामले में राज्य बाल आयोग की टीम की सदस्य जया सिंह और साक्षी बैजल सैफई पहुंचीं. टीम की सदस्य जया सिंह ने स्पोर्ट्स कॉलेज में मामले से जुड़े तमाम पुलिस अधिकारियों, सैफई के जिलाधिकारी, फॉरेंसिक टीम, जेल सुपरिंटेंडेट समेत कई लोगों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली.
टीम ने जेल जाकर आरोपी महिला से भी पूछताछ की. बाल आयोग की जया सिंह ने इस मामले में 6 घंटे सैफई और इटावा में रहकर मामले से जुड़े तमाम लोगों से पूछताछ की. टीम की सदस्य जया सिंह आरोपी महिला से पूछताछ करने के लिए इटावा जिला जेल भी गईं. जया सिंह ने सबसे पहले इस मामले में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर वासुदेव सिंह से सैफई के प्रशासनिक भवन में मुलाकात की और अब तक की जांच के बारे में पूरी जानकारी ली. इसके बाद टीम ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए स्पोर्ट्स कॉलेज में मरने वाली किशोरी सलोनी के परिवार वालों और उससे जुड़े तमाम लोगों से पूछताछ की. टीम ने स्पोर्ट्स कॉलेज में किशोरी सलोनी के हॉस्टल में रहने वाली कोच पारुल, हॉस्टल की वार्डन मीतू और किशोरी की तमाम परिचित लड़कियों से पूछताछ की.
पंखे से लटकी हुई मिली थी सलोनी
दरअसल, यह मामला 22 जुलाई की रात का है. जब अगले दिन सुबह लड़कियां सलोनी को जगाने के लिए गई तो सलोनी अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटकी मिली थी. किशोरी की मौत के बारे में परिवार वालों ने हत्या की आशंका जताई है. किशोरी के कमरे में उस वक्त दो लड़कियां और सो रही थीं, लेकिन जांच के मुताबिक उन लड़कियों को घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया.
बाद में जांच में पाया गया कि किशोरी ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें किसी बात से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है. साथ ही लिखा था कि हॉस्टल के पास ही रहने वाली महिला यामिनी जो कि स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक्स के कोच सिद्धार्थ कृष्णा की पत्नी है, उन पर आरोप लगाया था कि वह उसको किसी मामले में बेवजह गलत ठहरा रही हैं, इसी से परेशान होकर वह अपनी जिंदगी खत्म कर रही है.
सुसाइड नोट के आधार पर आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इसी सुसाइड नोट के आधार पर यामिनी को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है, लेकिन इस मामले में लगातार बढ़ते दबाव और कई खामियों की वजह से राज्य बाल आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और बाल आयोग के अध्यक्ष ने जांच के लिए टीम गठित की, जिसके बाद शनिवार (27 जुलाई) को बाल आयोग की टीम जांच करने पहुंची.
बाल आयोग की टीम के मुताबिक, इस मामले में सैफई के जिलाधिकारी जेबी सिंह और जेल सुपरिंटेंडेट राजकिशोर सिंह ने पूरे मामले में काफी सहयोग किया. बाल आयोग की टीम ने पाया कि इस मामले में अभी ठीक से जांच की जरूरत है, क्योंकि जांच के दौरान कई पहलुओं को छोड़ दिया गया है. जैसे मरने वाली लड़की सलोनी के पिता का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने पूरी तरह से सबूत नहीं जुटाए, क्योंकि सलोनी को डायरी लिखने की आदत थी और पुलिस ने अपनी जांच में अभी तक उसके कमरे से कोई डायरी जब्त नहीं की.
जांच में लापरवाही
वहीं, मौके से मिले हुए सबूतों के आधार पर सुसाइड नोट की राइटिंग का पुलिस अभी तक मिलान नहीं कर पाई, क्योंकि कॉलेज प्रशासन की तरफ से अभी तक सलोनी की हैंडराइटिंग की कॉपी पुलिस को नहीं दी गई. इसके अलावा पुलिस ने अभी तक इस मामले में आरोपी महिला यामिनी के पति और स्पोर्ट्स कॉलेज में एथलेटिक्स के कोच सिद्धार्थ कृष्णा से पूछताछ नहीं की. इस मामले में बताया यह भी जा रहा है कि सलोनी की बातचीत किसी लड़के से होती थी. पुलिस ने अभी तक इस तरह की खोज भी नहीं की है. साथ ही उसके कमरे में रहने वाली बाकी दो लड़कियों को इस घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं चला. इसके अलावा अभी तक उन बच्चियों की काउंसलिंग भी नहीं की गई जिससे कि वह पूरी बात बता सकें. लिहाजा बाल आयोग की टीम की सदस्य जया सिंह ने इस मामले में सभी बिंदुओं पर अपने तरीके से पूछताछ की और जिलाधिकारी से मिलकर इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली.
जया सिंह ने इस मामले में आरोपी महिला यामिनी से जिला जेल में पूछताछ की और उसका पक्ष जानने की भी कोशिश की. यामिनी के मुताबिक, वो लड़कियों को सिर्फ गलत सही के बारे में रोकती-टोकती थी, बाकी सलोनी से उनका किसी तरह का कोई भी विवाद नहीं था. टीम ने मौका-ए-वारदात का भी जायजा लिया और पुलिस की दी हुई जानकारी के आधार पर तथ्यों को समझने की कोशिश की. बाद में इस मामले में गंभीरता और गहराई से जांच का निर्देश देते हुए बाल आयोग की जया सिंह अपनी तरफ से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही हैं, जो फॉरेंसिक रिपोर्ट आने व पुलिस द्वारा छूटे हुए बयान और जांच पूरी होने के बाद शासन को भेजी जाएगी.
गंभीरता से जांच के आदेश
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में मामले की संवेदनशीलता और किशोरी की संदिग्ध मौत को देखते हुए बेहद गंभीरता से जांच करने की बात कही गई है. जानकारी के मुताबिक, टीम के निरीक्षण के बाद सैफई पुलिस प्रशासन मुस्तैद हो गया है और इस मामले की नए सिरे से जांच करने की कवायद तेज हो गई है. पुलिस प्रशासन ने स्पोर्ट्स कॉलेज प्रशासन को हैंडराइटिंग समेत तमाम तथ्य मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही साथ इस मामले से जुड़े हुए हर एक शख्स से एक बार फिर से पूछताछ करने का फैसला किया है.
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में अभी तक हत्या करने की बात सामने नहीं आई है. हालांकि, मानसिक दबाव के चलते इस आत्महत्या के मामले में आरोपी महिला यामिनी का रोल कितना गंभीर है, इसके बारे में पुलिस जरूर जांच कर रही है.
शिवेंद्र श्रीवास्तव