यूपी पंचायत चुनाव: 25 से 26 मई के बीच वर्चुअल अंदाज में होगा शपथ ग्रहण

इस बार इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित नहीं किया जा रहा है, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही इस कार्यक्रम को पूरा करने की तैयारी है.

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25 से 26 मई के बीच वर्चुअल अंदाज होगा शपथ ग्रहण ( पीटीआई फोटो) 25 से 26 मई के बीच वर्चुअल अंदाज होगा शपथ ग्रहण ( पीटीआई फोटो)

शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 22 मई 2021,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST
  • यूपी पंचायत चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर
  • 25 से 26 मई के बीच शपथ ग्रहण
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शपथ

यूपी पंचायत चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. 25 से 26 मई के बीच ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को शपथ दिलवाई जाएगी. इस दौरान शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा और फिर 27 मई को संगठित ग्राम पंचायतों की पहली अहम बैठक होगी. इस सिलसिले में जिलाधिकारी को भी ग्राम पंचायतों को संगठित कराने का आदेश दे दिया गया है.

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25 से 26 मई के बीच होगा शपथ ग्रहण

बता दें कि यूपी पंचायत चुनाव चार चरणों में पूरा हुआ था और 2 मई को नतीजे आए थे. अब कोरोना काल में ही पंचायत सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी होने जा रहा है. लेकिन इस बार इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित नहीं किया जा रहा है, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही इस कार्यक्रम को पूरा करने की तैयारी है. इस बार वर्चुअल अंदाज में ही पूरा शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है. जितने भी ग्राम पंचायत सदस्य हैं, वे अपने ही ग्राम पंचायत में अधिकारियों के बीच ऑनलाइन माध्यम से शपथ लेंगे.

 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शपथ

जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम पंचायत में प्रधान और कम से कम दो तिहाई सदस्यों का निर्वाचित होना अनिवार्य होता है. इसी वजह से एक साथ सभी प्रधानों को शपथ भी नहीं दिलवाई जाएगी क्योंकि अभी ग्राम पंचायत के करीब 10 हजार पद रिक्त हैं. उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की बात करें तो 58,176 ग्राम प्रधान और 7,31,813 लाख ग्राम पंचायत सदस्य चुनकर आए हैं. ये 25 से 26 मई के बीच शपथ ले सकते हैं और फिर 27 मई को पहली अहम बैठक में हिस्सा लेंगे.

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चुनाव से जुड़ा सबसे बड़ा विवाद

वैसे यूपी पंचायत चुनाव का शपथ ग्रहण समारोह तो जरूर हो रहा है, लेकिन इस चुनाव पर एक ऐसा दाग भी लग गया है जो सरकार और प्रशासन के लिए मिटाना मुश्किल साबित हो रहा है. चुनाव जरूर संपन्न हो गए हैं, परिणाम भी आ गए हैं, लेकिन इस दौरान कई शिक्षकों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी है. सरकार ने जरूर मृत शिक्षकों का आंकड़ा काफी कम बताया है, लेकिन शिक्षकों संगठनों द्वारा 1625 की भयावह फिगर बताई जा रही है. ऐसे में इस चुनाव को लेकर इस समय उत्साह कम और विवाद ज्यादा देखने को मिल रहा है. (रिपोर्ट- संतोष)

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