ग्लेशियर टूटने से अलर्ट पर यूपी, बनारस-बलिया तक ऐसे हो रही गंगा के जलस्तर की निगरानी

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई, इससे निचले इलाके होकर गुजरने वाली नदियों में पानी बढ़ने की आशंका है. लिहाजा, यूपी सरकार ने उन सभी जिलों को अलर्ट कर दिया जहां से गंगा नदी गुजरती है. प्रशासन को नदी के जल स्तर पर निगरानी का आदेश दिया गया है.

Advertisement
चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही (फोटो-PTI) चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 08 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:18 AM IST
  • चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से तबाही
  • यूपी के करीब 25 जिलों में अलर्ट जारी
  • 24 घंटे नदी की स्थिति की मॉनिटरिंग

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूटने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई और पारिस्थितिकी रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई. इससे निचले इलाके होकर गुजरने वाली नदियों में पानी बढ़ने की आशंका है. लिहाजा, यूपी सरकार ने उन सभी जिलों को अलर्ट कर दिया जहां से गंगा नदी गुजरती है. प्रशासन को नदी के जल स्तर पर निगरानी का आदेश दिया गया है.  

Advertisement

ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा नदी में बाढ़ आ गई. इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का प्रोजेक्ट तहस-नहस हो गया. इस तबाही में कई लोगों की जान चली गई तो संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है. 
 
उत्तर प्रदेश के जिला अधिकारियों को रविवार को एक आपदा अलर्ट जारी किया गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राहत आयुक्त ने बताया, 'चमोली में ग्लेशियर टूटने से नदी में जल स्तर बढ़ने की आशंका है, लिहाजा यूपी में गंगा किनारे बसे जिलों को हाई अलर्ट पर रहने की आवश्यकता है. इन जिलों को 24 घंटे स्थिति पर निगरानी रखने को कहा गया है.'

जारी बयान में राहत आयुक्त ने कहा, 'अगर जरूरत हुई तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. NDRF, SDRF और PAC फ्लड कंपनी को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.'

Advertisement

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न हुई इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए यूपी सरकार हर संभव सहायता मुहैया कराएगी. उत्तराखंड में बांध टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने, SDRF को राहत कार्यों के लिए तत्पर रहने को कहा है.

सतर्क रहने का सीएम का आदेश

सीएम योगी ने कहा कि गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जिलों के DM, एसएसपी और एसपी को भी पूरी तरह सतर्क रहने के लिए निर्देश दिया गया है. देवभूमि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई आपदा में अनेक नागरिकों के काल कवलित होने की सूचना से मन दुखी है.

बाद में जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल स्तर में बढ़ोतरी होने पर गंगा के किनारे रहने वाले लोगों को अन्यत्र शिफ्ट किया जाना चाहिए. उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की. सीएम ने कहा, "लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और नदी के किनारों की ओर नहीं जाना चाहिए. किसी भी विपरीत परिस्थितियों में, जिला प्रशासन के साथ सहयोग करें. यूपी सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है," 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में गंगा लगभग 1,000 किलोमीटर के दायरे में फैली है. हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग को घटना के तुरंत बाद सतर्क कर दिया गया था. गृह विभाग स्थिति को मॉनिटर कर रहा है. हालांकि अलकनंदा में पानी का स्तर भी काफी तेजी से घट रहा है.

Advertisement

कन्नौज में हुई आपात बैठक

कन्नौज में जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई. गंगा के किनारे बसे गांवों के गोताखोरों और राजस्व अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. जिलाधिकारी ने जिले में महादेवी घाट का निरीक्षण किया और कहा कि जल स्तर में वृद्धि के मामले में, ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा.

बलिया में भी जिला प्रशासन अलर्ट

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के अनुसार बलिया में भी जिला प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने को कहा है. सिंचाई विभाग अलर्ट पर है. हालांकि गंगा खतरे के निशान से लगभग पांच मीटर नीचे बह रही है.

कल्पवासियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा

शाहजहांपुर में, "कल्पवास" (नदी के किनारे माघ के महीने में रहने वाले भक्त) लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, जबकि अन्य को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. जिला मजिस्ट्रेट इंद्र कुमार सिंह ने  कहा, "माघ के महीने के दौरान गंगा नदी के तट पर लगभग एक महीने तक 'कल्पवासियों' का प्रवास होता है, वे स्नान करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. लगभग 100 'कल्पवासियों' को सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है." पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है.

Advertisement


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement