शिकायत से लेकर पीड़िता के अंतिम संस्कार तक, यूपी सरकार ने कोर्ट में बताई हाथरस केस की क्रोनोलॉजी

हाथरस गैंगरेप की घटना में पीड़िता के बयान से लेकर अंतिम संस्कार तक की परिस्थिति तक सरकार की ओर से पूरी क्रोनोलॉजी को समझाया गया है. 

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हाथरस घटना को लेकर शुरू हुआ था राजनीतिक बवाल हाथरस घटना को लेकर शुरू हुआ था राजनीतिक बवाल

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST
  • हाथरस घटना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
  • यूपी सरकार ने दाखिल किया हलफनामा

उत्तर प्रदेश की सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हाथरस गैंगरेप कांड पर अपना हलफनामा पेश किया. सरकार की ओर से इस मामले की जांच सीबीआई के द्वारा कराए जाने की बात कही है. साथ ही यूपी सरकार ने कुछ विपक्षी पार्टियों पर दंगे की साजिश रचने का आरोप लगाया. हाथरस गैंगरेप की घटना में पीड़िता के बयान से लेकर अंतिम संस्कार तक की परिस्थिति तक सरकार की ओर से पूरी क्रोनोलॉजी को समझाया गया है. 

यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में घटना के बारे में क्या कहा, समझें...

•    14 सितंबर की सुबह 10.30 बजे पीड़िता को उसके मां और भाई एक मोटरसाइकिल पर चंदपा पुलिस स्टेशन में लाए.
•    पीड़िता ने बताया कि संदीप ने उसका गला दबाने की कोशिश की. पीड़िता और मां ने पुलिस को बताया कि गले के अलावा कहीं और दर्द नहीं है, बस संदीप ही इस घटना का दोषी है.
•    इसके बाद अलीगढ़ के JN मेडिकल कॉलेज में पीड़िता को ले जाया गया. दोपहर दो बजे पीड़िता को ICU में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गर्दन की हड्डी टूटने की बात कही. इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी. 
•    19 सितंबर को पीड़िता ने बताया कि संदीप ने उसके साथ गलत व्यवहार भी किया था और दुपट्टे से मारने की कोशिश की थी.
•    पीड़िता के इस बयान के आधार पर 20 सितंबर को संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया.
•    22 सितंबर को अगला बयान दर्ज किया गया, जहां पीड़िता ने गैंगरेप की बात कही और तीन अन्य लोगों का नाम कहा. पीड़िता ने महिला कॉन्स्टेबल को ये बातें कहीं और बताया कि पहले वो होश में नहीं थी, इसलिए ये सब नहीं बताया. 
•    इसी बयान के बाद धारा 376D एफआईआर में जोड़ी गई और अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. 
•    गैंगरेप के आरोपों के बाद मेडिकल चेकअप किया गया. 22 सितंबर को जो रिपोर्ट आई, उसमें रेप की बात नहीं थी. इसके बाद आगरा की FSL लैब को भी चेकअप के लिए भेजा गया.
•    29 सितंबर को दिल्ली में मौत के बाद अस्पताल के बाहर राजनेताओं को जमावड़ा लगना शुरू हो गया. इस दौरान उदित राज, चंद्रशेखर, पीएल पुनिया, राखी बिड़ला समेत अन्य शामिल थे.
•    परिवार ने शव लेने से इनकार किया, पोस्टमार्टम में मौत का कारण गर्दन की हड्डी टूटने को बताया गया. जब अस्पताल के बाद राजनीतिक बवाल शुरू हुआ तो पीड़िता के शव को हाथरस ले जाया गया.
•    परिवार की सहमति के बाद ही पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था. 

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