यूपी: फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच पूरी, सैकड़ों शिक्षकों के फंसने की आशंका

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच लगभग पूरी होने वाली है. इसमें सैकड़ों शिक्षकों के फंसने की आशंका है.

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आगरा जिले के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच पूरी आगरा जिले के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच पूरी

शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 23 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच लगभग पूरी होने वाली है. इसमें सैकड़ों शिक्षकों के फंसने की आशंका है.

दरअसल, आगरा जिले के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी और टेम्पर्ड प्रमाणपत्रों की जांच आखिरी चरण में है. एसआईटी जांच की सूची से मंडल के तीन जिलों में 490 शिक्षक तलाशे गए हैं. यह परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात हैं.

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फर्जी प्रमाणपत्र लगाने वाले शिक्षकों की सूची मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी) बेसिक सोमवार को सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद को सौंपेंगे. अभी तक हुई जांच के मुताबिक, फर्जी पाए गए प्रमाणपत्रों में आगरा जिले से 241, फिरोजाबाद से 163 और मैनपुरी से 86 शिक्षकों की सूची एडी बेसिक को दी गई है.

मथुरा जिले से अभी पूरी सूची नहीं प्राप्त हो सकी है. सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद ने एसआईटी की सूची के आधार पर तलाशे गए शिक्षकों के नाम, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है. हालांकि, सरकार की तरफ से मंडल के किसी भी जिले में शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है. अभी इसकी केवल सूची तैयार की गई है. यह कार्य 15 जनवरी 2019 तक पूरा करना था और 30 जनवरी तक एफआईआर करानी थी.

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एडी बेसिक कार्यालय में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, मैनपुरी जिले में शिक्षकों को नोटिस दिए गए हैं. बाकी जिलों में यह प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई है. बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव ने एडी बेसिक को शिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति होने के आदेश दिए थे.

इसके बाद एडी बेसिक की ओर से मंडल के सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को फोन करके इनकी संख्या मांगी गई. आगरा जिले से एसआईटी की पहली सूची (वर्ष 2017) के आधार पर तलाशे गए 241 शिक्षकों के नाम भेज दिए गए हैं. जनवरी 2019 में उपलब्ध कराई गई संशोधित सूची में कितने और शिक्षकों के नाम सामने आए, यह अभी भी जांच का विषय है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में मंडल स्तर के कार्यों की समीक्षा करनी शुरू कर दी है. मंडलीय बैठकों में मंडलायुक्त, मंडल से जुड़े आईजी, डीआईजी के अलावा मंडल के सभी डीएम, एसएसपी/एसपी, सीडीओ, संयुक्त व उप विकास आयुक्त, आरएफसी, एजेंडा बिंदुओं से जुड़े समस्त मंडल स्तरीय अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे.

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