EVM ही नहीं, पोस्टल बैलेट में भी केशव मौर्य को मिली हार, निर्दलीयों का वोट मिल जाता तो...

बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य को जिले की अन्य दो सीटों को जिताने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी. इतना ही उनके नामांकन के लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सिराथू पहुंचे थे, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य न तो अपना घर बचा सके और ना ही अपना गढ़.

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Keshav Prasad Maurya Keshav Prasad Maurya

टीके श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली ,
  • 12 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST
  • समाजवादी पार्टी ने कौशांबी जिले में क्लीन स्वीप किया है
  • सपा की आंधी में 2012 के चुनाव में सिराथू से जीते थे केशव प्रसाद

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के नतीजे आ चुके हैं. प्रचंड बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है. सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपने गढ़ में ही मात खा गए हैं. कौशांबी जिले की सिराथू सीट से ताल ठोकने वाले केशव प्रसाद मौर्य को सपा-अपना दल (कमेरावादी) की संयुक्त प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने पटखनी दी. 

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वहीं, सिराथू सीट की बात करें तो केशव प्रसाद मौर्य उम्मीदों पर खरे साबित नहीं हुए. वो EVM ही नहीं, पोस्टल बैलेट में भी पीछे रहे. केशव प्रसाद मौर्य को पोस्टल बैलेट में 214 वोट मिले, जबकि पल्लवी पटेल ने 710 वोट हासिल किया. यही नहीं  EVM वोटों के मामले में भी केशव प्रसाद मौर्य, पल्लवी पटेल से आगे नहीं निकल पाए. उन्हें 98727 वोट मिले, जबकि सपा उम्मीदवार के खाते में 105568 वोट गए. केशव प्रसाद का वोट प्रतिशत (43.28%) और पल्लवी पटेल का (46.49%) रहा. हालांकि निर्दलीयों को मिले वोटों को जोड़े लें तो नतीजा बदल सकता था. केशव प्रसाद 7,337 वोटों से हारे थे, जबकि 5 निर्दलीयों को मिले वोटों की संख्या 7586 है. 

 

काउंटिंग के दौरान हुआ था बवाल 

इस हार से पहले सिराथू में बड़ा बवाल भी हुआ था. मतगणना के बीच पत्थरबाजी की घटना के बाद ने पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया था. हवा में फायरिंग के साथ आंसू गैस के गोले भी दागे गए थे. दरअसल, यहां ईवीएम खराबी की शिकायत हुई थी और उसी वजह से मतगणना को बीच में ही रोक दिया गया था. बीजेपी एजेंट ने यहां पर फिर काउंटिंग की मांग कर दी थी जिस वजह से दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई था. 

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न घर बचा पाए और न गढ़

बता दें कि पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्य को जिले की अन्य दो सीटों को जिताने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी. इतना ही उनके नामांकन के लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सिराथू पहुंचे थे, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य न तो अपना घर बचा सके और ना ही अपना गढ़. समाजवादी पार्टी ने कौशांबी जिले में क्लीन स्वीप किया है. चायल से सपा उम्मीदवार पूजा पाल और मंझनपुर (सुरक्षित) से इंद्रजीत सरोज ने जीत दर्ज की है. 

प्रयागराज (पश्चिमी) से दो बार हारे 

केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज (पश्चिमी) से दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ा. दोनों चुनावों में उनको हार झेलनी पड़ी थी. इसके बाद उन्होंने 2012 में अपने गृह क्षेत्र सिराथू से दावेदारी पेश की और सपा की आंधी के बावजूद BSP के अभेद्य दुर्ग में पहली बार कमल खिलाया. वहीं, लोकसभा चुनाव 2014 में वो फूलपुर से संसद पहुंचे और कुछ समय बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. उनकी अगुवाई में हुए 2017 के चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 325 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की. इस नतीजे के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने और पार्टी ने उन्हें सांसद पद से इस्तीफा दिलाकर डिप्टी सीएम बना दिया. हालांकि 2022 का विधानसभा चुनाव उनके लिए अच्छा नहीं रहा, ऐसे में अब देखना होगा कि पार्टी उनके लिए क्या स्पेशल करती है. 

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