ट्रेनों की आवाजाही और लेटलतीफी में सुधार लाने के मकसद से रेलवे आधुनिक तकनीक तेजी से लागू करने में लग गई है. इसके मद्देनजर दिल्ली-हावड़ा सेक्शन के सबसे व्यस्त मार्ग पर उत्तर प्रदेश के दादरी रेलवे स्टेशन में इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग और यार्ड रीमॉडलिंग शुरू कर दी गई है. लेटेस्ट तकनीक के इस्तेमाल से सिग्नलिंग को बेहतरीन किया जा रहा है. ये इलाका उत्तर मध्य रेलवे के आगरा डिविजन में आता है. ये परियोजना भारतीय रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है.
इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग में 318 रूट आते हैं. इनके तहत आधुनिकतम सिग्नल प्रणाली को अपनाया गया है. इसमें सेंट्रल यूनिट के जरिए रेलवे की आवाजाही को नियंत्रित किया जाता है. जिनमें 45 सिग्नल, 74 प्वाइंट्स और 176 ट्रेकसर्किट संबंधी विशाल यार्ड रीमॉडलिंग की सुविधा है. दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि इस पूरे काम को 16 अप्रैल, 2017 को रिकार्ड 150 मिनटों में पूरा कर लिया गया है. ये कार्य उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एम. सी चौहान के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक पूरा किया गया.
दादरी, उत्तर मध्य रेलवे का एक महत्वपूर्ण यार्ड है जो 6 किलोमीटर से अधिक बड़े क्षेत्र में फैला है. ये दिल्ली-हावड़ा सेक्शन के सबसे व्यस्त रूट पर स्थित है और एनटीपीसी संयंत्र तथा कंटेनर डीपो से जुड़ा हुआ है. इसकी शुरूआत के साथ अलीगढ़-गाजियाबाद सेक्शन के बीच तीसरी लाइन को दादरी यार्ड के जरिए शुरू किया गया है जिससे गाड़ियों के परिचालन में सुधार हुआ है. पहले ये उपलब्ध नहीं था. इसके अलावा दादरी स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक, दो और तीन तथा नए प्लेटफार्म नम्बर चार तक सुविधा का विस्तार हो गया है. इन चारों प्लेटफार्मों को नए फुटओवर ब्रिज से जोड़ दिया गया है जिससे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में इजाफा हुआ है.
सिद्धार्थ तिवारी