UP: सपेरों के इस गांव में कोरोना का एक भी मामला नहीं! ग्रामीणों ने आयुर्वेद को बताया रामबाण

इस गांव में खास तौर से मेडिकल सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं हैं. 10 किलोमीटर दूर एक पीएचसी है जहां पर डॉक्टर मिलते नहीं है. गांव में कभी भी टीम नहीं पहुंचती है. सरकारी सुविधाओं से यह गांव कोसो दूर है. लेकिन खास बात यह है कि इस पूरे गांव में करोना संक्रमण के दौरान कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ.

Advertisement
इस गांव में नहीं हैं कोरोना के मामले (फोटो- आजतक) इस गांव में नहीं हैं कोरोना के मामले (फोटो- आजतक)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 18 जून 2021,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST
  • लखनऊ के इस गांव में कोरोना नहीं
  • अब तक एक भी मामला नहीं आया सामने
  • गांव वालों को दी जाती है आयुर्वेदिक दवाइयां

लखनऊ में एक ऐसा गांव है जहां कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इस गांव के ज्यादातर लोग सांप का खेल दिखाकर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं. यहां के बच्चों का खेल भी इन सांपों के साथ ही होता है. लोगों ने बताया कि यहां अब तक एक भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया है. इतना ही नहीं यहां के लोग दावा करते हैं कि आगे भी यहां पर कोरोना नहीं आ सकता है. गांव वालों का कहना है कि ये लोग इलाज के लिए एलोपैथिक मेडिसिन नहीं लेते हैं. अगर कोई शख्स बीमार होता है तो वह आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर दवाई लेता है.  

Advertisement

जानकारी के मुताबिक लखनऊ से 20 किलोमीटर दूर गांधी नगर के माती गांव में 120 परिवार रहते हैं. कुल मिलाकर यहां पर 1200 लोग रहते हैं. यह गांव सपेरों का गांव कहा जाता है. जहां घर-घर में सांपो का खेल होता है. यहां के बच्चे भी यही खेल दिखाकर बड़े होते हैं और आगे चलकर इसी से अपना जीवनयापन भी करते हैं.

इस गांव में खास तौर से मेडिकल सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं हैं. 10 किलोमीटर दूर एक पीएचसी है जहां पर डॉक्टर मिलते नहीं है. गांव में कभी भी टीम नहीं पहुंचती है. सरकारी सुविधाओं से यह गांव कोसो दूर है. लेकिन खास बात यह है कि इस पूरे गांव में करोना संक्रमण के दौरान कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ. गांव वालों के मुताबिक आयुर्वेदिक वैद्य द्वारा दी जा रही दवाई रामबाण के तौर पर काम करती है और इसलिए यहां दूर दूर तक कोरोना के मामले सामने नहीं आए हैं.

Advertisement

आरोग्य भारती के वैद्य अभय नारायण तिवारी बताते हैं कि उन्होंने पिछले चार सालों से इस गांव को गोद ले रखा है. हमारी संस्था की तरफ से अवध प्रांत के इस गांव को लगातार आयुर्वेदिक दवाइयां पहुंचाई जाती रही है. अभय नारायण तिवारी, आरोग्य भारती के सचिव के तौर पर कार्यरत हैं.

कोरोणा संक्रमण की तीसरी लहर की आहट मिलने से आरोग्य भारती के सदस्य अभय नारायण तिवारी, बीएन सिंह चेयरमैन होम्योपैथिक वाइस प्रेसिडेंट आरोग्य भारती नेशनल , सुनील अग्रवाल आरोग्य भारती के ही संगठन सचिव इस पूरे गांव में पहुंचकर सभी बच्चों को आयुर्वेदिक ड्रॉप दिया है और दावा किया है कि इस खुराक से बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाया जा सकेगा और इससे बच्चे बुद्धिमान और मजबूत होंगे.

अभय नारायण तिवारी के मुताबिक, स्वर्ण प्राशन के ड्रॉप पुष्प नक्षत्र में हर महीने बच्चों को दी जाती है. इस आयुर्वेदिक मेडिसिन की ड्रॉप से बच्चों में स्फूर्ति बुद्धिमता इम्यूनिटी और करोना से बचने में मदद करती है. जिसकी वजह से मेडिसिन और कोरोना से बचने में मदद भी मिलती है. 

और पढ़ें- मुंबई की बड़ी सोसायटी में सैकड़ों को लगाया कोरोना का फर्जी टीका, सप्लायर MP से अरेस्ट

गांव के लोगों के मुताबिक, यहां कोई भी डॉक्टर नहीं आते हैं और इसी वजह से उनका रुझान आयुर्वेद की तरफ हुआ. क्योंकि आयुर्वेद के डॉक्टर हमेशा आकर दवा देते रहे हैं. इतना ही नहीं इस वजह से गांव में अभी तक कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है.

Advertisement

केजीएमसी के पूर्व वीसी और वर्तमान मेडिसन हेड एमएल भट्ट के मुताबिक, स्वर्ण प्राशन अपने आप मे बड़ी शुद्ध और एनरजेटिक दवाई है जो कई वर्षों से इस्तेमाल की जा रही है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इसके ड्रॉप से कोरोना वायरस में बच्चों को काफी हद तक कोरोना से बचाने में मदद मिल सकती है. 

वहीं आरोग्य भारती सचिव (लखनऊ) अभय नारायण तिवारी कहते हैं कि यह वर्षों पुरानी व्यथा है और आयुर्वेद आने आप मे बड़ा विज्ञान है. हम 2016 से इस गांव में लगातार आ रहे हैं. लेकिन आजतक यहां कोरोना नहीं आया. ऐसे में इनके बच्चे और इनको खुद भी स्वर्ण प्राशन दिया गया है. 

वर्ष 1974 से होम्योपैथिक प्रैक्टिस कर रहे नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज के पूर्व निदेशक व यूपी होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन डॉ बीएन सिंह कहते हैं कि आयुर्वेदिक काफी समय से इम्यूनिटी पर काम कर रहा है. ऐसे में बच्चों को दिए जा रहे स्वर्ण प्राशन से कोविड के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement