सुल्तानपुरः एक गांव में महीनेभर में 40 से अधिक मौतें, नहीं हुआ कोरोना टेस्ट

सुल्तानपुर के गांव में हो रही संदिग्ध परिस्थितियों में मौतों को लेकर प्रशासन का रवैया बेहद ही उदासीन रहा है. गांव के ही रहने वाले शमशुद्दीन कहते हैं कि गांव में कोई भी सरकारी आदमी जांच करने नहीं आया और वो लोग डरे हुए है.

Advertisement
गांव में नहीं पहुंच रहे स्वास्थ्यकर्मी (सांकेतिक-पीटीआई) गांव में नहीं पहुंच रहे स्वास्थ्यकर्मी (सांकेतिक-पीटीआई)

आलोक श्रीवास्तव

  • सुल्तानपुर,
  • 20 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:25 PM IST
  • लंभुआ के तातो मुरैनी गांव में लगातार हो रही मौत
  • मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आई
  • गांव में हुई मौतों पर कुछ नहीं बोले जिलाधिकारी

कोरोना महामारी अब शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पांव पसारने लगा है. तेजी से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ने वाली मौत की संख्या में इजाफा होने के कारण अब ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल हो गया है. सुल्तानपुर जिले के लंभुआ विधानसभा का तातो मुरैनी गांव इसी कोरोना के कहर का शिकार हो गया है और बीते 1 महीने के अंदर ही यहां पर 40 से अधिक मौतें हो गई हैं. हालांकि कोई आधिकारिक डाटा मौजूद नहीं है.

Advertisement

बड़ी संख्या में मौत के बाद लोगों में दहशत इस कदर है कि लोग घरों से ही नहीं निकल रहे हैं. मुस्लिम बहुल गांव तातो मुरैनी में बीते माह तेज बुखार और सांस फूलने की वजह से हो रही सिलसिलेवार मौत लोगों के लिए किसी कहर से कम नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की कोई भी टीम झांकने तक नहीं आई है.

प्रशासन का रवैया उदासीन

गांव में ही रहने वाली आंगनबाड़ी सदस्य अख्तरी बानो कहती है कि इस गांव में स्वास्थ्य विभाग की कोई भी टीम नहीं आई और किसी ने कोई जांच भी नहीं कराई. वो कहती हैं कि इस गांव में अब तक 48 मौत हो चुकी है जिसकी काउंटिंग की गई है. उन्हें सर्दी-जुखाम था और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मर गए. वो यह भी बताती हैं कि गांव में एक बार लोगों ने लम्भुआ के उप जिला अधिकारी को जांच के लिए लिखा था और उसके बाद लेखपाल की टीम जांच के लिए आई थी लेकिन रमजान होने की वजह से बहुत से लोगों ने जांच ही नहीं करवाई.

Advertisement

इसे भी क्लिक करें --- यूपीः कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के मदद को आगे आई योगी सरकार, जल्द लाएगी नई नीति

इस गांव में हो रही संदिग्ध परिस्थितियों में मौतों को लेकर प्रशासन का रवैया बेहद ही उदासीन रहा है. गांव के ही रहने वाले शमशुद्दीन कहते है कि गांव में कोई भी सरकारी आदमी जांच करने नहीं आया और वो लोग डरे हुए हैं.

शमशुद्दीन कहते हैं कि यहां हर घर में आदमी बचा हो, लेकिन घर नहीं बचा. लगभग 50 आदमी मरे हैं. यहां एक भी आदमी प्रशासन का नहीं आया.

इस मामले में जब जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जिन गांव के लिए ऐसी सूचना आती है उन गांव में स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम मुस्तैदी से काम कर रही है. हालांकि तातो मुरैनी के गांव में हुई इन मौतों को लेकर उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.

सुल्तानपुर के जिलाधिकारी रविश गुप्ता ने कहा कि गांव में जहां भी मौत की खबर आती है. वहां हम लोग ऐसा करते हैं कि टेस्टिंग और हर आरआरडी को भेज देते हैं. कैंप में बहुत जगह ऐसे प्रकरण हो सकते हैं, जहां पर पहले डायग्नोस्टिक ना हुआ हो तो लोगों ने छुपा लिया हो.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement