कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव का मकसद राम मंदिर मसले को रोकनाः वसीम रिजवी

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम कट्टरपंथियों का समर्थन करके हिंदू समाज की आस्था को नुकसान पहुंचाना चाहती है. कांग्रेस द्वारा CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने का मकसद राम मंदिर मामले में रुकावट पैदा करना था.

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वसीम रिजवी वसीम रिजवी

राम कृष्ण / शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 23 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी ने भारत के मुख्य न्यायमूर्ति (CJI) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने पर कांग्रेस पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम कट्टरपंथियों का समर्थन करके हिंदू समाज की आस्था को नुकसान पहुंचाना चाहती है. कांग्रेस द्वारा CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने का मकसद राम मंदिर मामले में रुकावट पैदा करना था.

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रिजवी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पेशे से वकील कोर्ट में यह बात पहले ही कहे चुके है कि इस केस की सुनवाई साल 2019 के बाद की जाए, क्योंकि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी के एजेंडे में है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट उनकी इस दलील को ठुकरा चुका है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामले को लेकर देश को बांटने की साजिश कांग्रेस ने ही की थी. इसके लिए कांग्रेस ने ही विवादित स्थल का ताला खुलवाया था.

रिजवी का यह बयान उस समय है, जब राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया है. कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी पार्टियों ने उपराष्ट्रपति नायडू को महाभियोग प्रस्ताव का यह नोटिस सौंपा था. हालांकि संविधान विशेषज्ञों की राय के बाद वेंकैया नायडू ने इसको खारिज कर दिया.

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सभापति वेंकैया नायडू ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ लाया गया यह महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस न ही उचित है और न ही अपेक्षित है. महाभियोग प्रस्ताव को लाते हुए हर पहलू को ध्यान में रखना चाहिए. इस खत पर कानूनी राय लेने के बाद ही इस नोटिस को खारिज किया जाता है.

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