रावण मंदिर में भी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन पर उत्सव, बंटेंगे लड्डू

गौतमबुद्धनगर के बिसरख में लंकापित रावण को समर्पित एक मंदिर है. इस मंदिर के पुजारी ने कहा कि अयोध्या में भूमि पूजन का अनुष्ठान समाप्त होने के बाद वे मंदिर में मिठाइयां बांटेंगे.

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अयोध्या में भूमि पूजन की तैयारियां (फोटो- पीटीआई) अयोध्या में भूमि पूजन की तैयारियां (फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

  • बिसरख के रावण मंदिर में जश्न
  • 'राम के बिना अधूरा था रावण'
राम मंदिर निर्माण का जश्न रावण के मंदिर में भी मनाया जा रहा है. अयोध्या से लगभग 650 किलोमीटर दूर गौतमबुद्धनगर के बिसरख में भूमि पूजन की प्रतीक्षा बड़ी उत्सुकता से की जा रही है.

गौतमबुद्धनगर के बिसरख में लंकापति रावण को समर्पित एक मंदिर है. इस मंदिर के पुजारी ने कहा कि अयोध्या में भूमि पूजन का अनुष्ठान समाप्त होने के बाद वे मंदिर में मिठाइयां बांटेंगे.

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भूमि पूजन से बेहद प्रसन्नता

समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हो रहा है. मैं लड्डू बांटूंगा और खुशियां मनाऊंगा. अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन सचमुच में एक अच्छा कदम है. मैं खुश हूं कि वहां पर एक विशाल मंदिर बनने जा रहा है.

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रावण की वजह से लोगों ने राम को जाना

मंदिर के पुजारी महंत रामदास ने कहा कि अगर रावण न होता तो लोग राम के बारे में न जानते और भगवान राम के बिना लंकेश का अस्तित्व नहीं था.

स्थानीय लोककथाओं के मुताबिक बिसरख रावण की जन्मभूमि है. मंदिर के पुजारी ने कहा कि हम सब इसे रावण जन्मभूमि कहते हैं. रावण को विद्वान बताते हुए पुजारी ने कहा कि रावण ने सीता का अपहरण जरूर किया था लेकिन वो उसे अपने महल नहीं ले गया बल्कि अशोक वाटिका में रखा.

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रावण ने भी मर्यादा का पालन किया

महंत रामदास ने कहा कि रावण ने सीता की रक्षा में महिला प्रहरियों को नियुक्त किया था. यदि राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं तो रावण ने भी कुछ हद तक मर्यादा का पालन किया था.

बिसरख में रावण मंदिर में रावण के अलावा भगवान शिव, मां पार्वती और धन के देवता कुबेर की प्रतिमाएं हैं. महंत रामदास ने कहा कि इस मंदिर में 20 फीसदी लोग रावण की पूजा करने आते हैं.

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