कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने को लेकर 24 घंटे चले धरने से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यानाथ सरकार दबाव में दिखी. आखिरकार प्रियंका गांधी की जिद के आगे यूपी सरकार को झुकना पड़ा.
राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार की कुछ महिलाओं से उनकी मुलाकात करवाई. मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी ने पीड़ित गोंड परिवार की महिलाओं से घटना के बारे में जाना और कई बार भावुक भी नजर आईं.
असल में, सोनभद्र में जनसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी निकलीं, लेकिन मिर्जापुर पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें रास्ते में ही रोक लिया जहां वह धरने पर बैठ गईं. पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर चुनार किला ले गई. प्रियंका गांधी वहां भी धरने पर बैठ गईं और पीड़ित परिवारों से मिलने की मांग करती रहीं.
प्रियंका गांधी पूरी रात चुनार गेस्ट हाउस में रहीं. देर रात तक अफसरों का मिर्जापुर गेस्ट हाउस आना-जाना लगा रहा, उन्हें मनाते रहे लेकिन प्रियंका गांधी ने भी साफ कर दिया कि वह नरसंहार पीड़ितों से मिले वगैर वापस नहीं लौटेंगी.
प्रियंका गांधी के इस कदम से योगी सरकार की नींद गायब कर दी. रातभर यूपी सरकार के बड़े-बड़े अफसर चुनार किला में बने गेस्ट हाउस में आते-जाते रहे. प्रियंका गांधी को मनाने की कोशिश करते रहे कि वह सोनभद्र जाने की जिद छोड़ दें. उनसे मिलने वाराणसी जोन के एडीजी, कमिश्नर और डीआईडी पहुंचे. लेकिन, प्रियंका ने इन सभी आला अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि वह पीड़ितों से मिले बिना नहीं लौटेंगी.
दरअसल, शुक्रवार को प्रियंका ने सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से मिलने का फैसला किया. वाराणसी के रास्ते सोनभद्र के लिए रवाना हुईं. सोनभद्र के कलेक्टर ने जिस उभ्भा गांव में नरसंहार हुआ वहां और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी.
इस दौरान प्रियंका को मिर्जापुर पुलिस ने नारायणपुर पहुंचते ही रोक लिया. ऐसे में प्रियंका ने पुलिसवालों से रोके जाने की वजह पूछी और धरने पर बैठ गईं. बाद में उन्हें धारा 144 का उल्लंघन करने पर हिरासत में लेकर चुनार किला में बने गेस्ट हाउस लाया गया.
प्रियंका चाहती हैं कि उन्हें सोनभद्र के उभ्भा गांव जाने दिया जाए, वह अकेले भी नरसंहार पीड़ितों से मिलने जाने के लिए तैयार हैं. नरसंहार पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाकर प्रियंका संदेश देना चाह रही हैं कि कमजोरों के साथ हमेशा मजबूती से कांग्रेस का हाथ रहेगा, दूसरी ओर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने का कांग्रेस को अच्छा मौका मिल गया है.
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