आपने तरह-तरह की मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन और हड़ताल होते हुए देखा या सुना होगा, लेकिन पान-मसाला, सुर्ती-खैनी जैसी चीजों के ना मिलने पर हड़ताल करने का ये मामला अजीबोगरीब है. उत्तर प्रदेश के जौनपुर में खाने की खराब क्वॉलिटी और जेल में ये सब ना मिलने पर कैदियों ने हड़ताल कर दी, जिससे जौनपुर जिला जेल में एक कैदी की मंगलवार सुबह मौत हो गई.
बंदी की मौत होने से जेल और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. जहां एक तरफ लोगों में चर्चा है कि कैदी की मौत सोमवार को हुई भूख हड़ताल के कारण हुई है, वहीं दूसरी तरफ जिला जेल के जेलर का कहना है कि कैदी की जान बीमारी के चलते गई है.
हाल ही में 7 जुलाई को जौनपुर जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी और एसपी विपिन कुमार मिश्र ने जेल में छापा मारकर 9 मोबाइल, बीड़ी, सुर्ती, सिगरेट, गांजा और पुड़िया में मादक पदार्थ बरामद किया था. इसके बाद जेल प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी थी.
पहले जेल मे आसानी से मिलने वाली सुर्ती, बीड़ी, सिगरेट, माचिस, पेय पदार्थ, मिठाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी. मुलाकात करने वालों की तलाशी भी बढ़ा दी. इसको लेकर बंदियों ने पहले तो हो हल्ला किया. बात नहीं बनी तो सोमवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी.
बंदियों ने आरोप लगाया कि जेल में उन्हें दी जानेवाली दूसरी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. कैंटीन से जो सामान मिलते थे, वह भी बंद कर दिया गया है. दाल में पानी मिलाकर दिया जा रहा है. जेलर ने बंदियों को मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. सुबह का खाना जेल प्रशासन को फेंकना पड़ा. बंदी बिना खाए कोर्ट चले गए. जो बचे उन्होंने दिनभर नारेबाजी की और अपनी-अपनी बैरकों में धरने पर बैठ गए.
शाम को डीआईजी ने उन्हें बीड़ी, सुर्ती, गुटखा पर प्रतिबंध हटाने का आश्वासन देकर खाने के लिए राजी किया. इसके बाद रात 9 बजे बंदियों ने खाना खाया. इसी बीच मंगलवार सुबह जौनपुर जिले के एक कैदी जयराम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
उसकी मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. कैदी की मौत की सूचना से है. जेलर संजय सिंह ने बताया कि जयराम की मौत बीमारी के कारण हुई है. उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई.
शिवेंद्र श्रीवास्तव