सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर का बैंक सिग्नेचर से हुआ मिलान, आनंद पर कसा शिकंजा

सीबीआई आनंद गिरि का लाइ डिटेक्टर टेस्ट (lie detector test) कराने की तैयारी में है. इसके लिए जल्द ही एजेंसी कोर्ट से परमिशन भी ले सकती है. अनुमति मिलने के बाद ये टेस्ट कराया जाएगा. 

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महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में सीबीआई जांच कर रही है (फाइल फोटो) महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में सीबीआई जांच कर रही है (फाइल फोटो)

संतोष शर्मा

  • प्रयागराज,
  • 03 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST
  • आनंद गिरि का लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की तैयारी में सीबीआई
  • सीबीआई ने सुसाइड नोट की मांगी फॉरेंसिक रिपोर्ट

प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में मिले दस्तखत का बैंक रिकॉर्ड में मौजूद हस्ताक्षर से मिलान हो गया है. अब सीबीआई ने सुसाइड नोट की फॉरेंसिक रिपोर्ट और फिंगरप्रिंट रिपोर्ट मांगी है. 
 
सीबीआई आनंद गिरि का लाइ डिटेक्टर टेस्ट (lie detector test) कराने की तैयारी में है. इसके लिए जल्द ही एजेंसी कोर्ट से परमिशन भी ले सकती है. अनुमति मिलने के बाद ये टेस्ट कराया जाएगा. 

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कॉल डिटेल खंगाल रही सीबीआई

वहीं दूसरी तरफ सीबीआई बीते 2 दिनों से बाघम्बरी मठ के सेवादारों और नरेंद्र गिरि के करीबी संतों से पूछताछ कर पैसों का लेनदेन और मठ में आने वालों की जानकारी ले रही है. इसके अलावा सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के कॉल डिटेल भी खंगाले हैं. सीबीआई ऐसे नंबरों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है, जिनकी दोनों से बात हुई है. इसके अलावा सीबीआई को महंत नरेंद्र गिरि का कुछ लोगों पर पैसा बकाया होने की भी जानकारी मिली थी, इसकी भी जांच की जा रही है. 

नरेंद्र गिरि का शव कमरे में मिला था

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी. उनका शव कमरे में फांसी के फंदे पर लटकता मिला था. मौके से एक कथित सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था. इसमें उन्होंने अपनी आत्महत्या के लिए आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को जिम्मेदार बताया था. ये तीनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. साथ ही नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में बालबीर को बाघम्बरी मठ का उत्तराधिकारी बनाने की भी बात कही थी. 

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इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. बाद में इस जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई ने इस मामले में तीनों आरोपियों से पूछताछ भी की है. इसके अलावा सीबीआई ने पुलिस और एसआईटी से अब तक की जांच रिपोर्ट भी ले ली है. ॉ

 

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