यूपी: वैक्सीनेशन के बाद भी नहीं बनी एंटीबॉडी, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी समेत कई लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर

कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी एंडीबॉडी न बनने पर लखनऊ में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी और सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में एक शख्स ने पुलिस में शिकायत की है. शिकायतकर्ता ने सीओ कैंट से भी इस मामले की शिकायत की है.

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वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबॉडी न बनने का है मामला (सांकेतिक तस्वीर-PTI) वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबॉडी न बनने का है मामला (सांकेतिक तस्वीर-PTI)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 31 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST
  • वैक्सीन लगवाने के बाद भी नहीं बनी एंटीबॉडी
  • शख्स ने पुलिस से लगाई है शिकायत की गुहार
  • FIR न होने पर करेगा कोर्ट का रुख

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक शख्स ने कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद भी एंटीबॉडी न बनने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी, आईसीएमआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन और राज्य-केंद्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में धोखाधड़ी और जान से मारने के प्रयासों के तहत केस दर्ज करने की अर्जी दी है. हाई प्रोफाइल मामला होने की वजह से शख्स ने सीओ कैंट से भी शिकायत की है.

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पुलिस को दी गई शिकायत में लिखा गया है कि प्रताप चंद्र नाम के एक शख्स ने कोवीशील्ड वैक्सीन 8 अप्रैल को लगवाई. दूसरे डोज की डेट 28 दिन बाद दी गई, लेकिन उसे 6 हफ्ते और टाल दिया गया. फिर सरकार ने ऐलान किया कि अब 6 नहीं, 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी. शिकायकर्ता के मुताबिक वैक्सीन लगवाने के बाद भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा.

शख्स ने आईसीएमआर के डायरेक्टर के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कोवीशील्ड वैक्सीन के पहले डोज के बाद भी अच्छे लेवल की एंटीबॉडी बनती है. इसके बाद शख्स ने 25 मई को 2021 को एक सरकारी मान्यता प्राप्त में लैब में कोविड एंटीबॉडी का टेस्ट कराया. 27 मई को रिपोर्ट निगेटिव आई. शिकायत के मुताबिक शख्स में एंटीबॉडी नहीं बनी और प्लेटलेट्स भी 3 लाख से घटकर 1.5 लाख तक पहुंच गईं. शख्स ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ धोखा हुआ है.

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शिकायत में लैब की रिपोर्ट का दिया है हवाला

हत्या के प्रयास का मामला!
शख्स का कहना है कि आईसीएमआर और स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि वैक्सीन लगवाने से एंटीबॉडी डेवेलप होगी, कोरोना से बचने का सुरक्षा कवच तैयार होगा लेकिन एंटीबॉडी नहीं बनी. प्लेटलेट्स भी घट गए, जिससे संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया है, जिससे कभी भी मौत हो सकती है. यह हत्या के प्रयास का विषय है.

FIR नहीं हुई दर्ज तो करेंगे कोर्ट का रुख!

शख्स ने उन सभी सरकारी संस्थाओं का भी अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है, जिनकी मंजूरी के बाद वैक्सीन को लगाने की अनुमति मिली थी. यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जा सकती है. शख्स ने कहा है कि अगर FIR के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगा.

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