अलीगढ़ में धर्म संसद के विरोध में आई AIMIM, जनवरी में होने वाले कार्यक्रम को रद्द करने की मांग

AIMIM के जिलाध्यक्ष गुफरान नूर ने बताया कि नफरत का जहर हिंदुस्तान के अंदर घोला जा रहा है. कोई कहीं से बोलने के लिए तैयार नहीं है. 22 और 23 तारीख को अगर यह आयोजन होता है तो AIMIM इसका विरोध करेगी और सड़कों पर उतरेगी.

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विवादित बयानबाजी का नई दिल्ली में लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था (फोटो- पीटीआई)  (फोटो- पीटीआई) विवादित बयानबाजी का नई दिल्ली में लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था (फोटो- पीटीआई) (फोटो- पीटीआई)

शिवम सारस्वत

  • अलीगढ़,
  • 31 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST
  • अलीगढ़ में 22 और 23 जनवरी को होनी है धर्म संसद
  • AIMIM ने जताया विरोध, कार्यक्रम रद्द करने की कर रहे मांग

हरिद्वार मैं धर्म संसद के बाद अब अगला आयोजन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में करने की घोषणा की गई है. यह धर्म संसद अलीगढ़ में 22 और 23 जनवरी को होनी है. लेकिन इसका अभी से ही विरोध होने लगा है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के कार्यकर्ताओं ने धर्म संसद के विरोध में कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन सौंपा. इसमें धर्म संसद रद्द करने की मांग की गई. 

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AIMIM के जिलाध्यक्ष गुफरान नूर ने बताया कि नफरत का जहर हिंदुस्तान के अंदर घोला जा रहा है. कोई कहीं से बोलने के लिए तैयार नहीं है. 22 और 23 तारीख में अगर यह आयोजन होता है तो AIMIM इसका विरोध करेगी और सड़कों पर उतरेगी.

उन्होंने कहा, 'मैं यह कहना चाहता हूं कि प्रोफेट मोहम्मद के हम लोग फॉलोवर हैं. उन्हें फॉलो करते हैं ना कि हम राम को. अल्लाह का शुक्र है कि हम उनकी संतान हैं. जिस तरीके की भाषा यह लोग बोल रहे हैं जिस तरीके से राम को बदनाम करने के लिए जैसी जैसी यह भाषाएं बोल रहे हैं कि राम के नाम पर हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं.' 

गुफरान नूर ने कहा, ये लोग नरसंहार करने की बात करते हैं. मैं यह कहना चाहता हूं अल्लाह का शुक्र है हम लोग अल्लाह ताला को मानते हैं. नाइंसाफी हो रही है, संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इसलिए हम कहते हैं कि ओवैसी को लाया जाए. हम लोग राम को मानते हैं, लेकिन जो राम के नाम पर गलत काम कर रहे हैं, नरसंहार करने की बात कर रहे हैं, हिंदुस्तान के अंदर, मॉब लिंचिंग हो रही है.

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सांप्रदायिक पार्टियां सिर्फ गांधीजी के गाली देने का विरोध कर रही हैं. ये मुसलमानों का कत्लेआम नरसंहार की बात करने वालों का विरोध नहीं कर रहे हैं. मैं जानना चाहता हूं कि वोट देते हैं और सब कुछ करते हैं लेकिन हमारी बात नहीं करते. इसलिए हमें तकलीफ होती है, हमको हिस्सेदारी चाहिए और हम एक दिन बनाकर रहेंगे. मैंने गलत नहीं कहा था 2000000 मुसलमानों को काटने की बात कह रहे हैं. 20 लाख बच्चे भी तो पैदा करेंगे हम. मरने के लिए, कटने के लिए हम लोग तैयार हैं तो 1 दिन वजूद खत्म हो जाएगा तो इसलिए हम लोग 2000000 बच्चे पैदा करेंगे.

 

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