Supertech Eco Village One: सोसाइटी के सीवरेज का बिना ट्रीटमेंट किए उसे बरसाती नाले में गिराने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. प्राधिकरण ने सुपरटेक के ईको विलेज वन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
प्राधिकरण ने बिल्डर को यह रकम एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सोसाइटी के सीवरेज के लिए जल्द ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनाने पर लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक एरिया पर बनी सभी सोसाइटियों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों को खुद का एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाना और उसे चलाना अनिवार्य है. सोसाइटी से निकलने वाले सीवरेज को एसटीपी से शोधित करने के बाद उसका इस्तेमाल सिंचाई, निर्माण आदि कार्यों में किया जाता है.
सुपरटेक ईको विलेज वन सोसाइटी के सीवरेज में दूषित जल का बिना ट्रीटमेंट किए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बरसाती नाले में गिराया जा रहा था.
प्राधिकरण के सीवर विभाग ने जल प्रदूषण को देखते हुए बिल्डर को सीवरेज का ट्रीटमेंट प्लांट तत्काल शुरू कराने को कहा था, न मानने पर प्राधिकरण ने सुपरटेक इको विलेज पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया है. साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को संसोधित करने और पानी का उचित प्रबंधन करने के निर्देश दिए हैं.
सीवर विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी सोसाइटी, संस्थान और प्रतिष्ठान ने बिना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के दूषित जल को नाले में डालने की कोशिश की तो उस पर कठोर जुर्माना लगाया जाएगा और इसके साथ ही ऑक्यूपेंसी और कंपलीशन सर्टिफिकेट रद्द कर दी जाएगी. इतना ही नहीं ऐसे संस्थानों या सोसाइटी के खिलआफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.
इन बिल्डर सोसाइटियों पर लग चुका है जुर्माना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक 46 बिल्डर सोसाइटियों पर करीब तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है. इन सोसाइटियों के सीवरेज को बिना शोधित किए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बरसाती नाले में गिराया जा रहा था. इनमें सुपरटेक इको विलेज टू, गौड़ सिटी, पंचशील हाइनिश, अरिहंत आर्डेन, आरसिटी रेजीडेंसी, गौड़ सिटी 10 एवेन्यू, पंचशील ग्रीन, ओमकार नेस्ट, स्टारलैंड, गौड़ संस प्रमोटर्स, अजय इंटरप्राइजेस, एसकेए ग्रीन आर्क प्रमुख हैं.
इन सोसाइटियों पर दो लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया गया है. इन सभी को सीवरेज सिस्टम तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस मामले को लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि "सीवरेज को शोधित किए बिना बरसाती नाले में गिरान से न सिर्फ जल प्रदूषण फैल रहा है, बल्कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन हो रहा है. प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी हम सब की है.
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