नोएडा के हाईप्रोफाइल आरुषि और हेमराज हत्याकांड मामले को लेकर राजेश तलवार और नुपूर तलवार की मुश्किलें फिर से बढ़ने जा रही हैं. आरुषि और हेमराज हत्याकांड में तलवार दपंति को बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
इससे पहले 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में आरुषि के माता-पिता नूपुर तलवार और राजेश तलवार को बरी कर दिया था. हेमराज की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसमें हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने तलवार दंपति की रिहाई के फैसले को गलत बताया है.
मालूम हो कि हेमराज तलवार परिवार का घरेलू नौकर था, जिसकी हत्या कर दी गई थी. पहले मई 2008 में तलवार दंपति के आवास पर उनकी बेटी आरुषि का शव मिला था. संदेह की सुई शुरू में उनके 45 साल के नौकर हेमराज पर गई, जो लापता था. हालांकि बाद में उसका शव भी तलवार परिवार के आवास की छत से मिला.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को इस आधार पर आरोपमुक्त कर दिया था कि ऑन रिकॉर्ड साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. इससे पहले 26 नवंबर 2013 को गाजियाबाद की एक सीबीआई अदालत ने तलवार दंपति को मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट के आदेश से पहले राजेश और नूपुर तलवार गाजियाबाद की डासना जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे.
CBI की अदालत ने तलवार दंपति को सुनाई थी उम्रकैद की सजा
डबल मर्डर के चार साल बाद 2012 में आरुषि की मां नूपुर तलवार को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा और फिर जेल जाना पड़ा. नवंबर 2013 में तमाम जिरह और सबूतों को देखने के बाद सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के पिता राजेश और मां नूपुर तलवार को उसकी हत्या के जुर्म का दोषी माना. उनको उम्र कैद की सजा सुना दी गई. इसी के साथ देश की सबसे सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री पर पर्दा गिर गया.
राम कृष्ण