वर्षों से चली आ रही रंजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दो युवकों ने शूटिंग रेंज में 3 महीने तक ट्रेनिंग करने के बाद गुरुवार को लखनऊ कोर्ट परिसर में प्रधान पति की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने घटना स्थल पर ही सरेंडर भी कर दिया. इस घटना में एक अन्य व्यक्ति भी गोली लगने से घालय हो गया. दोनों आरोपियों ने बेखौफ अपनी मौत की परवाह न करते हुए घटना को अंजाम दिया.
दरअसल फुगाना थाने के बावड़ी गाव में पिछले 15 सालों से दो परिवारों में चली आ रही रंजिश में अब तक न जाने कितनी मौतें हो चुकी हैं. आज बावड़ी का प्रधान पति अपने साथियों के साथ मुज़फ्फरनगर कोर्ट में अपने भाई बिजेंदर ही हत्या के मामले में पेशी पर आया था. बिजेंदर की 2011 में हत्या कर दी गई थी. कोर्ट परिसर में दो युवको ने तमंचे से प्रधान पति देवेंदर की गोली मरकर हत्या कर दी और एक अन्य युवक भी इस घटना में गोली लगने से घायल हो गया.
हत्या करने वाले दोनों युवकों के चहरे पर जरा भी खौफ नहीं है क्योंकि इस घटना को अंजाम देने के लिए इन दोनों आरोपियों ने 3 महीने तक शूटिंग रेंज में ट्रेन लेकर अपने निशाने को अचूक बनाया और उसके बाद इस घटना को अंजाम दिया. दोनों आरोपियों का साफ तौर पर ये ही कहना था कि हमें मौत का डर नहीं है और इसलिए हमने हत्या की जगह कोर्ट परिसर को चुना क्योंकि यहां पुलिस बहुत रहती है. और अगर पकड़े जाने लगे तो हम सरेंडर कर देंगे. और हुआ भी यही.
दोनों ने हत्या को अंजाम देने के बाद सरेंडर कर दिया. लेकिन इस घटना में एक बार फिर से खाकी की बड़ी लापरवाही सामने आई क्योंकि मृतक देवेन्द्र ने अब से लगभग 15 दिन पहले अपनी जान को खतरा बताते हुए प्रशासन से एक सुरक्षाकर्मी भी लिया था. आज वो सुरक्षाकर्मी घटना के समय वहां से नदारद मिला. ये कहें कि जिस के हाथों में देवेन्द्र की जान थी, यानी कि खाकी, वो ही लापरवाही का कारण बनी और जिसका खामियाजा देवेन्द्र को अपनी जान दे कर चुकाना पड़ा. बहराल गिरफ्त में आए दोनों आरोपी भी हत्या करने की वजह रंजिश बता रहे हैं. उनका कहना है कि देवेन्द्र के परिवार ने भी उनके परिवार के एक सदस्य की हत्या की थी जिसका बदला लिया गया है.
एसपी सिटी मुज़फ्फरनगर कमल यादव ने बताया, थाना फुगां का देवेन्द्र अपने भाई की हत्या के मामले में गवाही देने आया था. गुरुवार को CGM ऑफिस के सामने दो लोगों ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी. अजय और सागर जो उसी के गांव के हैं, अजय के बाप की हत्या मृतक देवेन्द्र ने की थी. उसी रंजिश के चलते दोनों ने उसकी हत्या कर दी. देवेन्द्र को सुरक्षा के लिए थाने से एक गार्ड मिला हुआ था.
आरोपी सागर मालिक का कहना है, 'हमने देवन्द्र प्रधान की कचहरी में हत्या की है और मेरी उम्र 16 साल है. देवन्द्र ने 13 साल पहले मेरे पिता की हत्या की थी. देवेन्द्र लगातार उन्हें परेशान कर रहा था. हत्या करने के बाद हमने अपने हथियार फेंक कर हाथ खड़े कर दिए थे. हमें मौत का डर नहीं है.
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