मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया समेत बसपा के कई नेता सपा में शामिल, अखिलेश ने किया स्वागत

लखनऊ के घंटाघर पर सीएए विरोधी प्रदर्शन में मुख्य भूमिका में रहीं सुमैया राणा लगातार राज्य की योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. खासकर, दिसंबर 2019 में जब से देश की संसद से नागरिकता से जुड़ा नया कानून लाया गया है तब से ही वो केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही हैं.

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अखिलेश यादव ने किया सुमैया राणा का स्वागत अखिलेश यादव ने किया सुमैया राणा का स्वागत

शिवेंद्र श्रीवास्तव / आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 29 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
  • समाजवादी पार्टी में शामिल हुईं सुमैया राणा
  • शायर मुनव्वर राणा की बेटी हैं सुमैया
  • सीएए विरोध प्रदर्शन में रही थीं आगे

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा अब राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रही हैं. सुमैया राणा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई हैं.

मंगलवार को लखनऊ में सपा कार्यालय में सदस्यता अभियान चला. इस दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहे. सुमैया राणा के अलावा कुछ  उर्दू शायरा भी सपा में शामिल हुई हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि सपा में शामिल हो रहीं सुमैया राणा और उनके सभी साथियों का सपा में शामिल होने पर स्वागत है. 

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बसपा से पूर्व नेता भी सपा के साथ

बसपा से निष्कासित दो नेता भी आज समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं. मसूद आलम खान, बसपा के पूर्व लोक सभा प्रत्याशी रहे हैं और रमेश गौतम  बसपा के पूर्व विधायक रहे हैं, इन दोनों नेताओं सहित सैकड़ों बसपा के नेता आज सपा में शामिल हुए हैं. बसपा से इन दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतविधियों के चलते निष्कासित कर दिया गया था. 

सीएए विरोधी प्रदर्शन का चेहरी रही हैं सुमैया

लखनऊ के घंटाघर पर सीएए विरोधी प्रदर्शन में मुख्य भूमिका में रहीं सुमैया राणा लगातार राज्य की योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. खासकर, दिसंबर 2019 में जब से देश की संसद से नागरिकता से जुड़ा नया कानून लाया गया है तब से ही वो केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही हैं. उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी की गई है. 

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सीएए के विरोध में यूपी में कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे जिनमें काफी लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए उन्हें जेल भेजा गया. संपत्तियां भी कुर्क की गईं. सुमैया राणा के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इसी साल नवंबर महीने में उन्हें घर में नजरबंद भी किया गया था. अब जबकि यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं तो सुमैया राणा ने समाजावादी पार्टी के साथ जाकर राजनीतिक पारी शुरू करने का फैसला किया है. 

 

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