मुरादाबाद: झंडारोहण के बाद भूले राष्ट्रगान, एक लाइन गाकर चलते बने सपा सांसद डॉ एसटी हसन

गलशहीद पार्क में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने वहां मौजूद जिला अध्यक्ष डीपी यादव, महानगर अध्यक्ष शाने अली और अन्य कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में झंडारोहण किया. झंडारोहण होते ही राष्ट्रगान शुरू हुआ. लेकिन उनके साथ खड़े लोग राष्ट्रगान की एक लाइन गाने के बाद राष्ट्रगान की पंक्तियां ही भूल गए.

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डॉ. एसटी हसन, मुरादाबाद सांसद डॉ. एसटी हसन, मुरादाबाद सांसद

शरद गौतम

  • मुरादाबाद,
  • 16 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST
  • सपा सांसद भूले राष्ट्रगान
  • झंडारोहण के बाद एक लाइन गाया राष्ट्रगान

देश में रविवार को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. लेकिन मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन, झंडारोहण के बाद गाए जाने वाले राष्ट्र गान "जन गण मन" ही भूल गए और अधूरा राष्ट्र गान गाने के बाद बिना कुछ कहे वहां से चले गए. दअरसल सपा सांसद एस टी हसन मुरादाबाद के गलशहीद इलाके में स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नवाब मज्जू खां की कब्र पर पुष्प चढ़ा कर श्रद्धाजंलि देने के लिए पहुंचे थे. 

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इससे पहले गलशहीद पार्क में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने वहां मौजूद जिला अध्यक्ष डीपी यादव, महानगर अध्यक्ष शाने अली और अन्य कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में झंडारोहण किया. झंडारोहण होते ही राष्ट्रगान शुरू हुआ. लेकिन उनके साथ खड़े लोग राष्ट्रगान की एक लाइन गाने के बाद राष्ट्रगान की पंक्तियां ही भूल गए.

अन्य लोगों की तो छोड़िए, सपा सांसद डॉ. एस टी हसन भी राष्ट्रगान पूरा नहीं गा पाए और किसी से कोई बात किए बगैर वहां से चलते बने. लेकिन ये सब कैमरे में कैद हो चुका था. देर रात सपा सांसद एस टी हसन ने राष्ट्रगान प्रकरण पर अपनी सफाई सोशल मीडिया पर राष्ट्रगान सुनाकर देते हुए कहा कि यौमे आजादी के 75 वें जश्न में मुझे इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट बनाया गया था, लेकिन वहां राष्ट्रगान गाने वाली दूसरी टीम थी. जिन्होंने गाते समय कुछ गड़बड़ी कर दी. मैंने टोका भी था. उसके बाद पीछे खड़े लोगों ने राष्ट्रगान पूरा किया और हम वहां से चले गए. हालांकि लोगों ने ये फैला दिया कि मैं राष्ट्रगान भूल गया, मेरी याददाश्त कमजोर नहीं है, बचपन से राष्ट्रगान पढ़ता आ रहा हूं.

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आने वाले 25 वर्षों को 'भारत के सृजन का अमृत काल' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की 'गतिशक्ति योजना', देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'ग्रीन हायड्रोज़न मिशन' और अगले 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत रेल गाड़ियां चलाने के साथ ही सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले जाने की घोषणा की.

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तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा, 'यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है. असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ़ देश की भक्ति है, तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो.'

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