माया, मूर्ति और विवाद! स्मारकों पर खर्च हुए थे 5,919 करोड़

बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ और योएडा में दो बड़े पार्क बनावाए थे और उसमें अपनी, दलित नेता भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां बनवाईं थी. जानिए क्या हैं विवाद?

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फाइल फोटो फाइल फोटो

विकास कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ और योएडा में दो बड़े पार्क बनावाए थे और उसमें अपनी, दलित नेता भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां बनवाईं. मायावती के इस कदम की तमाम वीपक्षी पार्टियों ने जमकर विरोध किया. समाजवादी पार्टी ने 2012 के चुनाव में मायावती सरकार पर जो तमाम आरोप लगाए उसमे सरकारी खर्चे पर इन मूर्तियों का बनवाना भी शामिल था.

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मूर्तियां कहां-कहां लगवाई गईं, कितने पैसे खर्च किए गए थे?
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पार्क और मूर्तियों पर कुल 5,919 करोड़ रुपए खर्च किए थे.

नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी. इसमें 685 करोड़ का खर्च आया था. इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन पार्कों और मूर्तियों के रखरखाव के लिए 5,634 कर्मचारी बहाल किए गए थे.

घोटले का आरोप भी लगा था.
2012 के विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव राज्य के नए मुख्यमंत्री बने और उन्होंने मायावती पर 40,000 करोड़ की ’मूर्ति घोटाले’ का आरोप लगाया था. इसमे मूर्तियों को जिन ज़मीनों पर लगाया गया उसकी कीमत भी शामिल थी. बसपा सुप्रीमो ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.

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अखिलेश सरकार में पुलिस ने मूर्ति घोटाले के मामले में यूपी राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड पर छापा मारा, जिससे अफसरों और ठेकेदारों के बीच सांठगांठ होने से जुड़े डॉक्यूमेंट मिले थे.

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