लखनऊ में आज सुबह-सुबह किसानों ने सरकार पर धावा बोल दिया. करीब 4 बजे सैकड़ों किसान विधानसभा के घेराव के लिए पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने पहले ही बैरिकेडिंग कर रखी थी. पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार छोड़कर इन्हें काबू में करने की कोशिश की. कई प्रदर्शनकारियों को बस में भरकर दूर ले जाया गया. कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. बता दें कि गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और पराली समेत कई मुद्दों पर किसानों ने आज पूरे यूपी में आंदोलन का ऐलान किया है.
किसान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बीच धरना प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों के गन्ना बकाया का पाई-पाई भुगतान करेगी. जरूरत पड़ी तो बकायेदार मिलों को नीलाम तक कर देंगे. मुख्यमंत्री ने 14 नवंबर को कहा था कि अगर किसी चीनी मिल ने गलतफहमी पाली होगी कि किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान रोककर स्वयं कमाई कर लेगा, तो ऐसा नहीं होगा. गन्ना किसान बेफिक्र रहें.
सीएम ने कहा, "महाराजगंज में ऐसी ही एक मिल को नीलाम करके हमने गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कराया है. जरूरत पड़ने पर गन्ना किसानों के लिए बकायेदार मिलों को नीलाम करके भुगतान किया जाएगा."
मुख्यमंत्री ने कहा, "गन्ना किसानों का भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ जल्द ही हम सख्त कार्रवाई करने वाले हैं. आपके जिले में 9 चीनी मिले हैं. इसमें से 6 ने गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है. बाकी जिन तीन चीनों मिलों ने भुगतान नहीं किया है, उन पर हम बहुत जल्द लगाम कसने वाले हैं."
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 वर्षों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने जो जड़ता पैदा कर रखी थी, उसे दूर करने में अथक परिश्रम करना पड़ रहा है. उस परिश्रम का परिणाम किसानों और नौजवानों के हित में देखने को मिल रहा है.
योगी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान की पराली और गन्ने की पत्तियों को जलाना बंद कर दें. इसके जलाने से दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे प्रदेशभर में धुंध बनी हुई है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. लोगों को सांस लेने तक में दिक्कतें आ रही हैं.
शिवेंद्र श्रीवास्तव