LuLu Mall की पार्किंग में तोड़ी गई सपा विधायक इरफान सोलंकी की गाड़ी

लुलु मॉल में कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी की गाड़ी को कांच को बोतल मारकर तोड़ा गया. इस घटना पर विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि गाड़ी से लूट करने की कोशिश की गई है. उन्होंने पुलिस में शिकायत की है.

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लुलु मॉल (फोटो-PTI) लुलु मॉल (फोटो-PTI)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 18 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:22 AM IST
  • लुलु मॉल की पार्किंग में खड़ी थी गाड़ी
  • विधायक बोले- लूट की थी कोशिश

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लुलु मॉल की पार्किंग में समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक इरफान सोलंकी की गाड़ी तोड़ी गई है. कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी की गाड़ी को कांच को बोतल मारकर तोड़ा गया. इस घटना पर विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि गाड़ी से लूट करने की कोशिश की गई है. उन्होंने पुलिस में शिकायत की है.

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गौरतलब है कि 10 जुलाई को लखनऊ में खुला लुलु मॉल शुरू से ही विवादों में है. यहां पर नमाज पढ़ने का दो वीडियो सामने आया था. इसके बाद अखिल भारत हिन्दू महासभा ने लुलु मॉल में सुंदर कांड का पाठ करने का ऐलान किया था. इसके अलावा हिंदू संगठनों का आरोप था कि मॉल में 80 फीसदी मुस्लिम लड़के काम करते हैं.

इन आरोपों के बीच अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी के घर पर लुलु मॉल के प्रबंधन के साथ पुलिस फोर्स पहुंची थी और लुलु के जीएम समीर वर्मा ने कर्मचारियों की लिस्ट सौंपी थी. इसके बावजूद विवाद नहीं थमा तो रविवार को लुलु मॉल प्रबंधन ने एक लेटर जारी किया है. 

लुलु मॉल प्रबंधन की ओर से कहा, 'हम लखनऊ की जनता के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे मॉल को इतना समर्थन दिया है. लुलु मॉल एक पूर्णतया व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, जो बिना किसी जाति, मत या वर्ग का भेद किए हुए व्यवसाय करता है. उपभोक्ता ही हमारे लिए सर्वोपरि हैं.'

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लेटर में लुलु मॉल प्रबंधन ने आगे कहा, 'हमारा प्रतिष्ठान शासन के नियमों के अंतर्गत निर्धारित मर्यादा में व्यवसाय करता है. हमारे यहां जो भी कर्मी हैं, वे जाति, मत, मजहब के नाम पर नहीं, बल्कि अपनी कार्यकुशलता के आधार पर तथा मेरिट के आधार पर रखे जाते हैं. यह दुखद है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं.'

मुस्लिम कर्मचारियों की सफाई पर लुलु मॉल प्रबंधन ने कहा, 'हमारे यहां जितने भी कर्मी हैं, उनमें स्थानीय, प्रदेश और देश से भी हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू हैं. शेष में मुस्लिम, ईसाई व अन्य वर्गों के लोग हैं. हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है.'

 

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