उत्तर प्रदेश होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के निजी शिक्षण संस्थानों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है. बोर्ड के अपर निदेशक मनोज यादव और तत्कालीन कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रोफेसर विनोद कुमार यादव को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा संविदा पर काम करने वाले क्लर्क दिनेश चंद दुबे और सुषमा मिश्रा की संविदा खत्म करते हुए FIR दर्ज कराने के आदेश दिया गया है. इस मामले की जांच अब आर्थिक अपराध अनुसंधान (EOW) करेगी.
इसी तरह मेडिसिन बोर्ड की सदस्य नहीं होने के बावजूद प्रमाणपत्र जारी करने वाली सुनीता मलिक के खिलाफ भी FIR दर्ज करने का आदेश जारी हुआ है. छात्रवृत्ति में हुई वित्तीय अनियमितता की रिकवरी समाज कल्याण विभाग द्वारा की जाएगी. इनके साथ ही इस मामले से संबंधित समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.
करीब 48 करोड़ रुपये का है मामला
गबन का ये मामला उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के द्वारा संचालित संस्थानों में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का है, जो करीब 48 करोड़ रुपये का है. योगी सरकार की ओर से ये भी आदेश दिया गया है कि जिन कॉलेजों की मान्यता बोर्ड द्वारा दी जा चुकी है, उनका संबंधित जिलों के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन कराया जाए.
संतोष शर्मा