उत्तर प्रदेश के बरेली में एक 42 वर्षीय मजदूर की भूख से मौत हो गई. उसने अपनी 85 वर्षीय मां की गोद में दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि उसने तीन दिन से खाना नहीं खाया था. वह बंद कमरे में तीन दिन तक मौत से जूझता रहा. जब यह खबर प्रशासन को लगी तो खलबली मच गई.
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक का नाम नेमचंद्र नाईगिरी है. वह मजदूरी कर घर चलाता था. भूख से मौत की सूचना मिलने पर एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल और विधायक प्रतिनिधि उसके घर पहुंचे.
इस बारे में कमिश्नर डॉ.पीवी जगनमोहन का कहना है कि नेमचंद्र की मौत भूख से नहीं, बल्कि किडनी और लीवर के इंफेक्शन से हुई है. हमें लगा था कि उसकी मृत्यु भूख से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके किडनी और लीवर डैमेज बताए गए हैं.
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक नेमचंद्र नाईगिरी बेहद गरीब था. वह मजदूरी करके घर चलाता था. आए दिन वह पैसे ना होने के कारण खाना नहीं खाता था. यही नहीं, नेमचंद्र का कमरा भी उसकी हालात बयां करता है. वहां न दाल थी, न चावल थे. उसकी थैली में बमुश्किल डेढ़ किलो आटा रखा हुआ था.
नेमचंद्र की मौत के बाद उसकी 85 साल की बूढ़ी मां खिल्लो देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. नेमचंद्र की मां और रिश्तेदारों का कहना है कि घर में खाने को कुछ भी नहीं है. गांव वालों और रिश्तेदार घर पर कभी-कभी खाना भेज दिया करते थे, जिससे उनका गुजारा हो जाता था. लेकिन तीन दिन से खाना नहीं मिला. इसी वजह से उसकी मौत हो गई.
आदित्य बिड़वई