लखनऊ: होम सेक्रेटरी से बात कर कल्बे जवाद ने खत्म किया धरना, मानी गई मांग

शिया समुदाय के लोगों का प्रदर्शन देखकर शनिवार रात यूपी के होम सेक्रेटरी एस के भगत ने कल्बे जवाद से बात की. उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश में घरों में ताजिया रखने की और मातम मनाने की इजाजत दे दी गई है .

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लखनऊ में शिया समुदाय का प्रदर्शन (फोटो-आजतक) लखनऊ में शिया समुदाय का प्रदर्शन (फोटो-आजतक)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 23 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:30 AM IST
  • ताजिया रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन
  • इमामबाड़े के सामने जुटा शिया समुदाय
  • कोरोना संक्रमण की वजह से सख्त प्रशासन

शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद ने लखनऊ में चल रहा अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है. शिया समुदाय के लोगों के मुताबिक प्रदेश में मुहर्रम के दौरान प्रशासन घरों में ताजिया रखने की इजाजत नहीं दे रहा था. घरों में भी मजलिस और मातम की इजाजत नहीं थी. इसके लिए शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद लगातार पुलिस अधिकारियों से मिल रहे थे. 

कल्बे जवाद ने कहा था कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वह अपनी गिरफ्तारी देंगे, जब उनकी बात नहीं मानी गई तो शनिवार को शिया धर्मगुरु ने चौक स्थित इमामबाड़े के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद उनके साथ सैकड़ों की तादाद में शिया कम्युनिटी के लोग जुड़ गए. 

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कल्बे जवाद ने होम सेक्रेटरी से बात की

शिया समुदाय के लोगों का प्रदर्शन देखकर शनिवार रात यूपी के होम सेक्रेटरी एस के भगत ने कल्बे जवाद से बात की. उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश में घरों में ताजिया रखने की और मातम मनाने की इजाजत दे दी गई है और किसी भी प्रकार से दिक्कत आने पर होम सेक्रेटरी से सीधे संपर्क किया जा सकता है. 

घर के अंदर रखे जा सकते हैं ताजिये

गृह सचिव से इस आश्वासन के मिलने के बाद मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया और लोगों से अपील की है कि सरकार ने उनकी बात मान ली है. अब लोग घरों में ताजिया रख सकते हैं और मातम मना सकते हैं

पढ़ें- मोहर्रम का चांद दिखा, शिया धर्म गुरु बोले- ताजिया निकालने की मिले इजाजत, नहीं तो देंगे गिरफ्तारी

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मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि उनकी बात होम सेक्रेटरी से हुई है. गृह सचिव ने उन्हें बताया कि उत्तर प्रदेश में सभी प्रशासनिक अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि घर के अंदर ताजिये रखे जा सकते हैं और मातम मनाया जा सकता है. इस व्यवस्था की देखरेख के लिए वह नोडल अधिकारी भी हैं. 

पढ़ें- क्यों मनाया जाता है मुहर्रम? मुसलमानों के लिए क्यों है ये दिन खास

सोशल डिस्टेसिंग के नाम पर न हो उत्पीड़न

दूसरे शिया धर्म गुरु सैफ अब्बास ने कहा कि कोविड-19 की जो गाइडलाइन है उसको हर कोई मान रहा है, लेकिन सोशल डिस्टेसिंग के नाम पर किसी का उत्पीड़न न किया जाए. उन्होंने कहा कि इमाम बाड़ों की क्षमता के हिसाब से मजलिस की इजाजत दी जाए. 


 

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