मोदी सरकार के मंत्रियों के निशाने पर इन दिनों जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया है. मेरठ में बुधवार को एक रैली संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि अगर चाहते हैं कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में देश विरोधी नारेबाजी न हो तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को 10 फीसदी आरक्षण दे दीजिए.
जेएनयू और जामिया में बीते दिनों हुए हिंसक प्रदर्शनों को लेकर संजीव बालियान ने कल (22 जनवरी) मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान संजीव बालियान ने कहा, 'मैं राजनाथ जी से निवेदन करूंगा, जो जेएनयू, जामिया में देश का विरोध में नारे लगाते हैं इनका इलाज एक ही है, पश्चिम उत्तर प्रदेश का वहां 10 फीसदी आरक्षण करवा दो, सबका इलाज कर देंगे, किसी की जरूरत नहीं पड़ने की.'
मेरठ में जिस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान बोल रहे थे, उसी कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए थे. इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा था कि इस कानून (सीएए) को हिंदू और मुसलमान के नजरिए से देखा जा रहा है. कोई चाहे कितना भी संदेह कर ले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धर्म के आधार पर नहीं, इंसानियत के आधार पर सोचते हैं.
राजनथा सिंह ने उन आशंकाओं को भी नकारा कि अगर एनपीआर और एनआरसी को लाया जाता है तो समुदाय विशेष को निशाना बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम सरकार नहीं, बल्कि देश बनाने के लिए राजनीति करते हैं.
इससे पहले पिछले दिनों नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में सहारनपुर में आयोजित रैली में संजीव बालियान ने कहा था कि एनपीआर के बारे में झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं. भारत क्या धर्मशाला है, जहां आने-जाने और रहने की इच्छा रखने वालों का कोई आंकड़ा न हो? इसमें क्या समस्या है?
'मोदी राज में कानून राज'
उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव कहते हैं कि वह एनपीआर के लिए नामांकन नहीं करेंगे. विपक्ष के अन्य नेता भी यही दावा कर रहे हैं. अगर आपने पंजीकरण नहीं कराया तो आपको चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा. मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और योगी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) राज में कानून का राज है. संकट पैदा करने वालों से उसी प्रकार निपटा जाएगा.
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बालियान ने कहा कि इस बार सपा की सरकार नहीं आएगी, क्योंकि उन्होंने 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे और 2014-15 में सहारनपुर दंगे कराए.
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