यूपी: पंचायत चुनाव से पहले एक्टिव हुईं एजेंसियां, जुटा रहीं जानकारी

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस से लेकर इंटेलिजेंस एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. पंचायत चुनावों के ठीक एक साल बाद साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होंगे इसलिए इस कदम की अहमियत और बढ़ गई है.

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उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ

अभिषेक मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 30 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST
  • यूपी में पंचायत चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं
  • इंटेलिजेंस एजेंसियों को अवैध प्रेम संबंधों की जानकारी जुटाने को कहा गया

बीते कुछ वर्षों में अवैध प्रेम संबंधों के सैकड़ों मामले सामने आए हैं. अब उत्तर प्रदेश में इंटेलिजेंस एजेंसियां ऐसे मामलों की तलाश करने के लिए गांव-गांव जा रही हैं. इस मामले पर विवाद होने के आसार नजर आ रहे हैं. आने वाले पंचायत चुनावों को देखते हुए, ये मामले हिंसा और दंगों का कारण न बनें, इसलिए पहले ही एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे स्थिति से बचने के लिए इस तरह की जानकारी राज्य के गांवों से जुटाई जा रही हैं.

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उत्तर प्रदेश के एडीजी (इंटेलिजेंस) एसबी शिरोडकर द्वारा एक खत जारी किया गया है. उन्होंने पंचायत चुनावों के मद्देजनर 11 पॉइंट्स पर जानकारी जुटाने का आदेश दिया है. इन बिंदुओं में एक पॉइंट अवैध प्रेम संबंध भी है. सूत्रों के मुताबिक, एलआईयू और इंटेलिजेंस को हर गांव में जारी अवैध संबंधों के बारे में जानकारी जुटानी होगी. 

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आदेश दिए गए हैं कि ऐसे किसी भी विवाद को लेकर जानकारी जुटाई जाए, अगर कोई ऐसा है तो वर्तमान में गांव में क्या स्थिति है और क्या पुलिस ने कोई एक्शन लिया है या नहीं. ऐसी ही अन्य जानकारियां जुटाने को कहा गया है. इंटेलिजेंस का मानना है कि ऐसे मामले बाद में तूल पकड़ लेते हैं और विवाद का कारण बनते हैं.

इसके अलावा, ऐसे लोगों की भी जानकारी जुटाई जा रही है, जो अचानक से अमीर बन गए. जातीय विवाद, भूमि विवाद, धार्मिक स्थल विवाद के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है. आगामी पंचायत चुनाव में विवाद का कारण क्या हो सकता है, इसकी आशंका से पहले ही जानकारी मांगी गई है. 

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस से लेकर इंटेलिजेंस एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. पंचायत चुनावों के ठीक एक साल बाद साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होंगे इसलिए इस कदम की अहमियत और बढ़ गई है.

 


 

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