हाथरस कांडः पीड़िता के परिवार को पुलिस ने घर में किया कैद, फोन छीने, पीटने के भी आरोप

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले गैंगरेप का शिकार हुई बिटिया का परिवार दहशत में है. आज उसका एक भाई खेतों के रास्ते पुलिसकर्मियों की नजर से बचते हुए जैसे तैसे गांव के बाहर मीडियाकर्मियों के पास आया और उसने पुलिस की बर्बरता की कहानी बताई.

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गांव के बाहर तैनात पुलिसकर्मी (फोटो-PTI) गांव के बाहर तैनात पुलिसकर्मी (फोटो-PTI)

राजेश सिंघल

  • हाथरस,
  • 02 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST
  • पीड़िता के गांव पर पुलिस का सख्ता पहरा
  • परिवार का आरोप- घर से नहीं निकलने दे रही पुलिस
  • भाई बोला- DM ने ताऊ के छाती पर मारी थी लात

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले गैंगरेप का शिकार हुई बिटिया का परिवार दहशत में है. पुलिस ने बिटिया के घर की घेराबंदी कर रखी है. किसी को निकलने नहीं दिया जा रहा है. आज उसका एक भाई खेतों के रास्ते पुलिसकर्मियों की नजर से बचते हुए जैसे तैसे गांव के बाहर मीडियाकर्मियों के पास आया और उसने पुलिस की बर्बरता की कहानी बताई.

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पीड़िता के भाई ने बताया कि हमारे परिवार को डराया धमकाया जा रहा है. उसने बताया कि उसकी भाभी मीडिया से मिलना चाहती है और कल डीएम ने उसके ताऊ की छाती पर लात मारी थी. वह बात कर रहा था कि इसी बीच पुलिसवालों की नजर उस पर पड़ गई और वह वहां से खेत के रास्ते डरते भागते हुए घर निकल गया.

पीड़िता के भाई ने कहा कि कुछ नहीं हो रहा है. फोन ले लिया गया है. किसी को निकलने नहीं दे रहे हैं. घरवालों ने मुझसे कहा  कि आप लोगों (मीडिया) को बुला लाऊं, बात करना चाहते हैं. मैं यहां छिपकर आया हूं. आने नहीं दे रहे हैं. हमारे ताऊ भी आ रहे थे. कल डीएम ने उनकी छाती पर लात मारा, फिर वह बेहोश हो गए थे. फिर कमरे में बंद कर दिया गया था.

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टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के साथ धक्कामुक्की

इस वक्त हाथरस में माहौल काफी गहमगहमी वाला हो गया है. पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे टीएमसी नेताओं के दल को पुलिस ने रोका तो झड़प हो गई. धक्का मुक्की शुरू हो गई. इस धक्का मुक्की में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन जमीन पर गिर गए. टीएमसी नेता पीड़ित परिवार से मिलने पर अड़े हैं, लेकिन पुलिस किसी को गांव में जाने नहीं दे रही.

यहां तक की मीडिया को भी प्रशासन ने गांव के बाहर रोक दिया है. पुलिस और पीएसी के जवान मीडिया को भी अंदर जाने नहीं दे रहे हैं. आजतक संवाददाता चित्रा त्रिपाठी के साथ प्रशासन ने बदसलूकी भी की.

 

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