काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर पर छेड़खानी का आरोप, सोशल मीडिया पर छात्रा ने बयां किया था दर्द

वाराणसी के सिगरा थाना स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शैक्षिक माहौल में उस वक्त हलचल मच गई जब इसी विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की छात्रा ने अपने ही विभागाध्यक्ष पर छेड़छाड़ व शारीरिक शोषण का आरोप लगाकर गुहार लगाने पहले कुलपति के यहां पहुंची.

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पुलिस ने अभी तक दर्ज नहीं की एफआईआर पुलिस ने अभी तक दर्ज नहीं की एफआईआर

प्रियंका झा

  • वाराणसी,
  • 01 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST

वाराणसी काशी विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष पर छात्रा ने छेड़खानी और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है. मामला पुलिस तक पहुंच चुका है. फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच पूरी होने तक विभागाध्यक्ष को कार्यमुक्त कर दिया है.

वाराणसी के सिगरा थाना स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शैक्षिक माहौल में उस वक्त हलचल मच गई जब इसी विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की छात्रा ने अपने ही विभागाध्यक्ष पर छेड़छाड़ व शारीरिक शोषण का आरोप लगाकर गुहार लगाने पहले कुलपति के यहां पहुंची फिर सिगरा थाने में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस पीड़िता की एप्लीकेशन लेकर मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कह रही है.

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मामला महिला समिति तक पहुंचा
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच विश्वविद्यालय महिला समिति को सौंप दी है. साथ ही तत्काल प्रभाव से जांच पूरी होने तक विभागाध्यक्ष को कार्यमुक्त कर दिया है. बता दें कि पीड़िता ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए अपनी आपबीती सुनाई थी और तभी से ये मामला सामने आया था.

शोध पत्र जांचने के बहाने की छेड़छाड़
छात्रा का इल्जाम है कि उसके विभागाध्यक्ष ने लघु शोध पत्र को जांचने के बहाने अपनी ही छात्रा का शोषण करना चाहा. पहले तो छात्रा ने सहन किया लेकिन जब बात हद से बढ़ गई तब उसने आवाज उठाई. पहले पीड़िता ने अपनी आपबीती 28 अगस्त पर फेसबुक पर साझा की थी और 31 अगस्त को वाराणसी के सिगरा थाने में गुहार लगाई. पीड़िता के साथ विद्यापीठ की महिला छात्र नेता और छात्रों ने विभागाध्यक्ष के खिलाफ खड़े होकर महिला शोषण के खिलाफ नारा बुलंद किया.

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पीड़िता ने की आपबीती बयां
पीड़िता ने कहा 'हमारे डिपार्टमेंट के एचओडी ने मेरे साथ छेड़छाड़ की है. उन्होंने मेरे प्राइवेट पार्ट को छूना चाहा तब मैंने थप्पड़ मारा और निकल आई. जब मैं आई तब उन्होंने कहा अनु सोच लेना अगर मुझे खुश कर सकती हो तो दोबारा आना.'

पहला मामला नहीं
एमए सोशल वर्क फाइनल इयर आईआरपीएम के छात्र आकाश पाण्डेय ने बताया 'यह तो पहली लड़की हैं जो आगे आकर बोली है. ऐसा कई के साथ हुआ है जो हमने सुना है.' छात्रसंघ अध्यक्ष काशी विद्यापीठ आयुषी श्रीमाली ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्राओं के शोषण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

वहीं आरोपी विभागाध्यक्ष डॉक्टर आरसी पाठक अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बता रहे हैं. उन्होंने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि 'गलत सूचना दी है, मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है.'

प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह, चीफ प्रॉक्टर काशी विद्यापीठ ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आते ही कुलपति जी ने महिला उत्पीड़न समिति विश्वविद्यालय को सौंप दिया है और प्रोफेसर आरसी पाठक को कार्यमुक्त कर दिया है. जब तक प्रकरण का निस्तारण नहीं हो जाता. पुलिस क्षेत्राधिकारी चेतगंज अनुराग के अनुसार 'विद्यापीठ की छात्रा की तरफ से तहरीर मिली है उन्होंने एक प्रोफेसर के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत की है. हम एडमिनिस्ट्रेशन का विचार जानना चाहते है उन्होंने सुबह तक का समय मांगा है.'

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