फिरोजाबाद में डेंगू का कहर, बच्चे को बचाने के लिए मां ने पकड़े डॉक्टर के पैर, वीडियो

फिरोजाबाद का एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अपने बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट कराने के लिए डेढ़ घंटे तक इंतजार करती रही. मीडिया के कैमरों की चमक जैसे ही बच्चे के ऊपर पड़ी तो उसे तुरंत एडमिट कर लिया गया. इस दौरान बच्चे की मां डॉक्टर के पैर पकड़ते हुए दिखी.

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डॉक्टर से बच्चे को एडमिट करने की विनती करती महिला डॉक्टर से बच्चे को एडमिट करने की विनती करती महिला

सुधीर शर्मा

  • फिरोजाबाद,
  • 06 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST
  • फिरोजाबाद में वायरल फीवर से लगातार मौतें
  • 540 बच्चे हॉस्पिटल में हैं एडमिट

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रहस्यमयी बुखार का कहर जारी है. फिरोजाबाद में हालत सबसे ज्यादा खराब हैं. यहां अब तक सरकारी आंकड़े में 52 लोगों की मौत हो चुकी है. हालात यह है कि 540 बच्चे हॉस्पिटल में एडमिट हैं. कई बच्चों को बेड नहीं मिल पा रहा है. मिन्नतें करने के साथ पैर पकड़ने के बाद बच्चों को हॉस्पिटल में एडमिशन मिल पा रहा है.

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फिरोजाबाद का एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अपने बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट कराने के लिए डेढ़ घंटे तक इंतजार करती रही. बच्चा अपनी बहन की गोद में सड़क किनारे लेटा रहा. मीडिया के कैमरों की चमक जैसे ही बच्चे के ऊपर पड़ी तो उसे तुरंत एडमिट कर लिया गया. इस दौरान बच्चे की मां डॉक्टर के पैर पकड़ते हुए दिखी.

दरअसल, 12 वर्ष का चिंटू शिकोहाबाद के एटा चौराहे पर रहता है. चिंटू की मां मिथलेश कुमारी ने बताया कि बच्चे को 5 दिन पहले बुखार आया और इसका शिकोहाबाद में इसका इलाज चला और तीन दिन बाद आज शिकोहाबाद से राजकीय मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में इसको एंट्री नहीं मिली.

चिंटू की मां मिथिलेश रोते-रोते बताती हैं कि वह पिछले एक डेढ़ घंटे से यहां पड़े हुए हैं, अंदर कोई डॉक्टर देख नहीं रहा है, ना ही उसका एडमिशन किया जा रहा है. पत्रकारों ने मिथिलेश की पीड़ा को मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता अनेजा तक पहुंचा. इसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता अनेजा ने संज्ञान लिया.

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इसके बाद 12 वर्ष के चिंटू को तत्काल ही बच्चा वार्ड में एडमिट कर उसका इलाज शुरू कर दिया. चिंटू की मां इतनी भावुक हो गईं कि वह राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ अनीता के पैर छूने लगी. इस मामले में डॉक्टर संगीता अनेजा ने बताया कि यहां किसी बच्चे के एडमिशन पर कोई प्रतिबंध नहीं है. 

डॉ. संगीता अनेजा ने कहा कि इस समय 540 बच्चे एडमिट हैं और हमारी प्राथमिकता बच्चों की जान बचाना है, अभिभावकों की रिक्वेस्ट पर एक बेड पर दो बच्चे हो जा रहे हैं.

 

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