प्रदूषण से दिल्ली-NCR बेहाल, दो दिन बंद रहेंगे नोएडा के स्कूल

दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली के बाद अब नोएडा में भी स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया गया है. जिलाधिकारी बीएन सिंह ने गौतबुद्धनगर के सभी निजी और सरकारी स्कूलों को 4 और 5 नवंबर को बंद रखने का आदेश दिया.

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नोएडा के सभी स्कूल 4 और 5 नवंबर को बंद रहेंगे (ANI) नोएडा के सभी स्कूल 4 और 5 नवंबर को बंद रहेंगे (ANI)

अरविंद ओझा

  • नोएडा,
  • 03 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

  • दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है
  • प्रदूषण की खतरनाक स्थिति ने कई वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है

दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली के बाद अब नोएडा में भी स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया गया है. जिलाधिकारी बीएन सिंह ने गौतबुद्धनगर के सभी निजी और सरकारी स्कूलों को 4 और 5 नवंबर को बंद रखने का आदेश दिया.

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बता दें, दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद भी लोगों को प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली. दिल्ली वालों के लिए रविवार सुबह भी एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं. दिल्ली के आईटीओ में एक्यूआई 987 और आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 979 रिकॉर्ड किया गया.

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वहीं सत्यवाजी कॉलेज इलाके में AQI सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. यहां पर प्रदूषण का स्तर 961 रहा. वहीं, पूसा रोड इलाके में AQI 920 रिकॉर्ड किया.

वहीं शहदरा इलाके में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक है. यहां पर AQI 881 रिकॉर्ड किया गया. वहीं गाजियाबाद के संजय नगर इलाके में AQI 707 रिकॉर्ड किया गया तो वसुंधरा में यह 751 रहा. नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक रहा.  नोएडा में प्रदूषण का स्तर AQI 799 तक पहुंच गया. नोएडा के सेक्टर 125 में यह 792 रहा. वहीं ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-III में AQI 517 रहा.

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वैज्ञानिक भी हैरान

प्रदूषण की खतरनाक स्थिति ने कई सारे पर्यावरण वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. पर्यावरण वैज्ञानिकों को भी इस बात की सही वजह समझ में नहीं आ रही. कुछ का कहना है कि क्योंकि बिल्कुल हल्की बारिश हुई है और इतनी बारिश प्रदूषण हटाने के लिए काफी नहीं है, बल्कि इसकी वजह से प्रदूषण के कण ह्यूमिडिटी बढ़ने पर और ज्यादा कंसंट्रेटेड हो गए हैं.

पर्यावरण वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हवा की डायरेक्शन की वजह से है, क्योंकि हवा हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों की तरफ से दिल्ली की तरफ आ रही है तो शायद उसमें पराली का धुंआ और ज्यादा लाया है.

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