यूपी की समाजवादी सरकार में 'मुर्दों' को भी मिल रही थी पेंशन!

योगी सरकार के मंत्री ने विधानसभा में बताया कि समाजवादी पेंशन योजना फिलहाल बंद कर दी गई है क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार का पता चला है. सरकार के मुताबिक, योजना का लाभ उन्हें भी मिलता रहा जो जीवित नहीं थे. सरकार इसकी जांच करा रही है.

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पूर्व सीएम अखिलेश यादव की फाइल फोटो पूर्व सीएम अखिलेश यादव की फाइल फोटो

शिवेंद्र श्रीवास्तव / रविकांत सिंह

  • लखनऊ,
  • 31 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:33 AM IST

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछली अखिलेश सरकार के दौरान 'समाजवादी पेंशन योजना' में बड़े घोटाले की बात उठाई है. यह बात विधानसभा सत्र के दौरान सामाजिक कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने एक सवाल के जवाब में कही.

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता नरेंद्र वर्मा ने सरकार से इस बाबत जानकारी मांगी. वर्मा ने पूछा कि क्या बीजेपी सरकार में समाजवादी पेंशन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है? इस पर योगी सरकार की तरफ से मंत्री रमापति शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी पेंशन योजना इसलिए बंद की गई क्योंकि इस स्कीम में भारी धांधली की गई. शास्त्री ने कहा, करीब 4 लाख लोग ऐसे थे जिन्हें बगैर नियम पेंशन दी जा रही थी.

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समाज कल्याण मंत्री ने विधानसभा में बताया कि कुल 50 लाख लोगों को हर साल समाजवादी सरकार के दौरान पेंशन दी गई. इनमें से 4 लाख लोग ऐसे थे जो किसी रूप में पेंशन पाने लायक नहीं थे. यही नहीं, 43000 लोग ऐसे थे जो पेंशन पा रहे थे लेकिन जीवित नहीं थे. सरकार के मुताबिक तमाम दूसरी कमियां भी पाई गईं, इसलिए स्कीम को को बंद किया गया है.

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी को 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने में समाजवादी पेंशन योजना का अहम रोल था. इस योजना के तहत करीब 50 लाख लोगों को समाजवादी पेंशन दी गई थी. इन 50 लाख लोगों में से 22 लाख लोग OBC, 10 लाख लोग मुस्लिम और 4 लाख लोग अगड़ी जातियों के भी थे. इन्हें हर महीने 500 रुपए की पेंशन दी जाती थी और यह राशि हर साल 50 रुपए बढ़ा दी जाती थी. 2017 में जब बीजेपी की सरकार सत्ता में आई, तो समाजवादी पेंशन को लेकर जांच के आदेश दिए गए. तब से यह योजना बंद है. 

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