देश में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच लखनऊ के पास एक ऑक्सीजन टैंकर गायब होने की खबर आई. इस खबर के फैलते ही सनसनी मच गई. हालांकि, अब पुलिस ने बताया है कि एमपी के सागर जा रहे ऑक्सीजन टैंकर को लोकेट कर लिया गया है. अब वह सागर की ओर जा रहा है. ऑक्सीजन टैंकर को वाराणसी-झांसी रूट पर लोकेट किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, कोई ऑक्सीजन टैंकर की लूट नहीं हुई है बल्कि यूपी से गुजरने वाले सभी ऑक्सीजन टैंकर को एस्कॉर्ट कराया जा रहा है. वाराणसी मिर्जापुर रूट पर यूपी पुलिस टैंकर को एस्कॉर्ट देकर रवाना कर रही है. लखनऊ पुलिस कमीश्नर ध्रुव कांत ठाकुर और ज्वाइंट सीपी पीयूष मोडिया के मुताबिक, जिस गाड़ी में लूट की बात हो रही है, उसमें यूपी पुलिस का कॉन्स्टेबल बैठा है, उससे अधिकारी संपर्क में हैं. गाड़ी फतेहपुर क्रॉस कर चुकी है, रात 12 बजे तक गंतव्य को पहुंच जायेगी.
मालूम हो कि इससे पहले खबर थी कि जिस ऑक्सीजन टैंकर को एमपी के सागर जिले पहुंचना था, लेकिन रास्ते से वह नदारद हो गया है. उसकी लास्ट लोकेशन लखनऊ के पास थी. जिसके चलते ऑक्सीजन टैंकर की लूट की खबर फैल गई. हालांकि, अब पुलिस ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये राज्य सरकार बड़े कदम उठा रही है. ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए बोकारो से ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन टैंकर लखनऊ मंगवाए गए हैं. रेलवे का कहना है कि ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनों के प्रत्येक टैंकर में लगभग 16 टन ऑक्सीजन ले जाई जा सकती है. वहीं, सीएम योगी ने ऑक्सीजन सप्लाई के लिए नए प्लांट लगाने, केंद्र से बात करने समेत अहम फैसले लिए हैं.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है. लोग इसकी कमी से अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं. आज (रविवार) गुरुग्राम में ऑक्सीजन खत्म होने से एक निजी अस्पताल में 4 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई. बताया गया कि जिला प्रशासन को बार-बार कहने के बावजूद ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाई, जिसके चलते चार लोगों की जान चली गई.
वहीं, बीते दिन दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 25 मरीजों की मौत हो गई थी. वहीं सर गंगा राम जैसे कई बड़े अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी होने का दावा किया है. हालांकि, इन सबके बीच सरकार ऑक्सीजन सप्लाई करने में जुटी हैं. रेल, सड़क और हवाई सभी मार्गों से प्रयास हो रहे हैं.
हेमेंद्र शर्मा / अरविंद ओझा